Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में परिवहन विभाग सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विशेष अभियान चला रहा है. अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से हो चुकी है. इस अभियान के तहत बुधवार को राज्य सचिवालय से रिज मैदान तक 'वॉक पर रोड सेफ्टी' का आयोजन किया गया. परिवहन विभाग ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय खेल नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर सड़क सुरक्षा जागरूकता वॉक की. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसकी अध्यक्षता की. उप मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय से इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और वे खुद भी जागरूकता के लिए पैदल चले. इस रोड सेफ्टी वॉक में राज्य सचिवालय के कर्मचारियों का भी साथ मिला. इस मुहिम के जरिए हिमाचल प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश की जा रही है.
अब तक दुर्घटनाओं में आई 13 फीसदी की कमी
इस दौरान हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सचिवालय से संदेश पूरे प्रदेश में जाएगा. सचिवालय में ही प्रदेश के सभी बड़े काम होते हैं. ऐसे में यहां से संदेश पूरे प्रदेश तक निकल कर जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में इस मुहिम को और भी ज्यादा तेज किया जाएगा. प्रदेश में 90 फीसदी मामले सड़क दुर्घटनाएं मानवीय चूक की वजह से होती हैं. ऐसे में सावधानीपूर्वक ड्राइव करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 13 फीसदी तक की कमी आई है. राज्य सरकार इसे और काम करने का लक्ष्य लेकर आगे चल रही है. उन्होंने प्रदेश के सभी लोगों से नियमों का पालन करते हुए ड्राइव करने की अपील की है. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि सभी की जिम्मेदारी है.
राज्य में स्थापित होगा इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
परिवहन विभाग यातायात नियमों को सख्ती से लागू करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (Intelligent Traffic Management System) स्थापित करने की प्रक्रिया पर काम कर रहा है. यह प्रणाली आईटी संसाधनों की मदद से प्रभावित ढंग से लागू होगी. इसके चलते इसमें मानवीय हस्तक्षेप कम हो जाएगा और टैक्स चोरी घट सकेगी. विभाग का लक्ष्य है कि पहले चरण में छह बैरियरों पर 31 मार्च, 2024 तक काम को पूरा किया जाए और अन्य 6 बैरियरों पर 30 जून तक काम पूरा हो.
हिमाचल में शुरू होगी ई-चालान व्यवस्था
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि राज्य चालान के लिए ई-चालान की सुविधा शुरू करने जा रही है. मौजूदा वक्त में परिवहन विभाग ऑफलाइन चालान करता है. ऐसे में विभाग के पास भी रिकॉर्ड संभालने में खासी परेशानी होती है. इस समस्या को खत्म करने के लिए ई-चालान मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी. इससे भ्रष्टाचार खत्म करने में भी मदद मिलेगी. 31 मार्च तक सभी अधिकारियों को ही चलने और POS मशीन उपलब्ध करवाई जाएगी.
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