HRTC Loss due to Rains: हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. पहाड़ों की लाइफ लाइन कही जाने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम भी अब तक पटरी पर वापस नहीं लौट सकी है. एचआरटीसी के करीब 3 हजार 500 रूट में से 899 रूट भी बस नहीं चल सकी हैं. शुक्रवार शाम से लेकर शनिवार सुबह तक एचआरटीसी ने अपनी 45 बस रूट को रिस्टोर कर दिया है.


सात दिन में 5.56 करोड़ का नुकसान


हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने ठाकुर ने बताया कि एचटीटीसी की 256 बसें रोड खराब होने की वजह से अलग-अलग स्थानों पर फंसी हुई हैं. शुक्रवार शाम यहां आंकड़ा 260 था. बीते सात दिनों में ही हिमाचल पथ परिवहन निगम को बस न चलने की वजह से 3.51 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इसके अलावा 2.05 करोड़ रुपए हिमाचल पथ परिवहन निगम की अलग-अलग वर्कशॉप पर लैंडस्लाइड व अन्य घटनाओं से हुआ है. इसमें तारादेवी वर्कशॉप में 80 लाख रुपए, करसोग वर्कशॉप 20 लाख रुपए, नगरोटा बगवां में 50 लाख रुपए, कुल्लू में 30 लाख रूपए, कोटखाई बस स्टैंड को 20 लाख रुपए और वोल्वो ग्राउंड मनाली को 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है.


किस डिपो के कितने रूट प्रभावित?


भारी बारिश के बाद अस्त-व्यस्त हुए हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू में सबसे ज्यादा 330, परवाणू में 17, सोलन में 7, नाहन में 44, तारादेवी में दो, नेरवा में 108, लोकल रूट पर 22, ग्रामीण इलाकों में 9, करसोग में नौ, रामपुर में 62, रोहड़ू में 20, रिकांगपिओ में चार, हमीरपुर में आठ, बिलासपुर में दो, ऊना में 24, देहरा में दो, नालागढ़ में 12, संसारपुर में एक, मंडी में 16, सुंदरनगर में छह, सरकाघाट में 19, केलांग में 59, धर्मपुर में 15, धर्मशाला में नौ, नगरोटा-बगवां में एक, पालमपुर-पठानकोट में दो-दो, बैजनाथ में चार, चंबा में 29 और जोगिंदरनगर में एक रूट सस्पेंड है.