HRTC Employees Salary: हिमाचल पथ परिवहन निगम को प्रदेश की लाइफ लाइन माना जाता है. पहाड़ी राज्य की सर्पीली और खतरनाक सड़कों पर एचआरटीसी के ड्राइवर-कंडक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने का काम करते हैं. लेकिन, वित्तीय संकट से जूझ रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को कभी भी वेतन समय पर नहीं मिल पाता. जहां एक तरफ प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारियों को हर महीने की पहली तारीख तक तनख्वाह मिल जाती है.


वहीं, हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को हर महीने की 20 तारीख तक का इंतजार करना पड़ जाता है. कर्मचारियों को हर महीने की 7 तारीख से 20 तारीख तक का इंतजार करने के बाद ही तनख्वाह मिलती है. ऐसे में ड्राइवर-कंडक्टर को घर-परिवार के गुजर-बसर के साथ बच्चों की फीस तक जमा करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.


कर्मचारियों के साथ ही तनख्वाह लेंगे प्रबंध निदेशक


इस बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम (Himachal Road Transport Corporation) के प्रबंध निदेशक और रोहन चंद ठाकुर ने एक अहम फैसला लिया है. रोहन चंद ठाकुर (Rohan Chand Thakur) ने अब यह फैसला लिया है कि वे अब अपनी तनख्वाह हर महीने की पहली तारीख को नहीं लेंगे. वे भी उसी दिन अपनी तनख्वाह लेंगे, जिस दिन ड्राइवर-कंडक्टर की तनख्वाह उनके खाते में आएगी. प्रबंध निदेशक के इस कदम को नैतिक सहयोग के तौर पर देखा जा रहा है.


28 जून को संभाला है कार्यभार


हिमाचल पथ परिवहन निगम को घाटे से उबारने के लिए एक सशक्त नीति की आवश्यकता है, जिसमें काफी समय लगना है. इससे पहले प्रबंध निदेशक का यह कदम ड्राइवर-कंडक्टर के सहयोग की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. साल 2009 बैच के आईएएस अधिकारी रोहन चंद ठाकुर ने 28 जून को ही हिमाचल पथ परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के तौर पर सेवाएं देना शुरू की हैं. नियमों के मुताबिक, प्रबंध निदेशक के पास ही चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO HRTC) का भी प्रभार है. ऐसे में उन्होंने इस बात के लिखित आदेश भी जारी कर दिए हैं.


हर महीने 69 करोड़ रुपए का नुकसान


प्रदेश भर में हिमाचल पथ परिवहन निगम की 3 हजार 132 बसें चलती हैं. यह बसें 3 हजार 719 रूटों पर संचालित की जाती हैं. दिल्ली से लेह तक बस सुविधा देने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम 1 हजार 355 करोड़ के नुकसान में है. हिमाचल पथ परिवहन निगम को हर महीने 144 करोड़ रुपए का खर्च आता है, जबकि कमाई सिर्फ 65 करोड़ रुपए की है. इस तरह हिमाचल पथ परिवहन निगम को हर महीने 69 करोड़ रुपए का नुकसान होता है.


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