Himachal News: HRTC की डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बस से बदलने की तैयारी, CM सुक्खू ने ई-चार्जिंग स्टेशन पर मांगी रिपोर्ट
Himachal Green Corridors: हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम सुक्खू ने 10 दिन के अंदर ग्राउंड रिपोर्ट मांगी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में विभाग से ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के संबंध में 10 दिन के अंदर ग्राउंड रिपोर्ट मांगी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ई-वाहनों के संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में 107 ई-चार्जिंग स्टेशन का निर्माण प्रस्तावित है. इनमें 53 ई-चार्जिंग स्टेशन अलग-अलग पेट्रोल पंपों पर और 54 का निर्माण परिवहन विभाग के माध्यम से किया जाएगा. उन्होंने इस संबंध में विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में प्रस्तावित छह ग्रीन कोरिडोर के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने परवाणू-नालागढ़-ऊना-हमीरपुर-संसारपुर टेरेस, पांवटा-नाहन-सोलन-शिमला, परवाणू-सोलन-शिमला-रामपुर-लोसर, मंडी-जोगिंदरनगर-पालमपुर-धर्मशाला-कांगड़ा- पठानकोट और कीरतपुर-बिलासपुर-मंडी-मनाली-केलंग-जिंगजिंगबार ग्रीन कोरिडोर का निर्माण किया जा रहा है.
इलेक्ट्रिक बस के साथ बदली जाएंगी डीजल बसें
सीएम सुक्खू ने इन ग्रीन कॉरिडोर पर बिजली ट्रासंफॉर्मर लगाने और निर्माण संबंधी टेंडर प्रक्रिया की जानकारी भी ली. उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से हिमाचल पथ परिवहन निगम की डीजल बसों को ई-बसों के साथ बदला जाएगा. जल्द ही 300 नई ई-बसों की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निगम को घाटे से उबारने के लिए प्रयासरत है.
युवाओं के रोजगार की दिशा में हो रहा है काम
राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिगत ई-वाहनों के संचालन को प्राथमिकता प्रदान कर रही है और सरकारी विभागों में भी ई-टैक्सी अटैच की जाएंगी. बेरोजगारों युवाओं को स्वरोज़गार के मौके देने के लिए उनसे ई-टैक्सी किराए पर ली जाएंगी, जिन्हें सरकारी विभागों में तैनात किया जाएगा. ई-टैक्सी के पंजीकरण के लिए एक वैबसाइट तैयार की जा रही है.
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को स्वरोज़गार प्रदान करने लिए 680 करोड़ रुपये की एक स्टार्ट-अप योजना का प्रथम चरण जल्द ही शुरू करने जा रही है. श्रम विभाग अब रोज़गार प्रदाताओं का भी पंजीकरण कर रही है, ताकि उन्हें उनकी जरूरत के मुताबिक प्रशिक्षित युवा मिल सके.