HPSSC Hamirpur Paper Leak: पेपर लीक मामले में बड़ी कामयाबी, विजिलेंस टीम ने पूर्व सचिव को किया गिरफ्तार
Shimla: 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक मामले का विजिलेंस ने भंडाफोड़ किया था. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा 25 दिसंबर को होनी थी. इससे दो दिन पहले ही पेपर बेचे जाने का मामला सामने आ गया था.
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन जब विजिलेंस को सवालों के सही और संतोषजनक जवाब नहीं मिले तो विजिलेंस ने मंगलवार देर रात उन्हें गिरफ्तार कर लिया. विजिलेंस बुधवार सुबह पूर्व सचिव जितेंद्र कंवर को अदालत में पेश करेगी. आपको बता दें कि जितेंद्र कंवर से विजिलेंस की टीम पिछले कई दिनों से लगातार पूछताछ कर रही थी.
दरअसल, जूनियर ऑफिस असिस्टेंट-965 पेपर लीक मामले में लगातार पूर्व सचिव पर सवाल उठ रहे थे. विधानसभा में भी इस बात की चर्चा हुई थी. लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही पूर्व सचिव को इस मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है. सरकार की तरफ से पूर्व सचिव के खिलाफ अभियान चलाने की मंजूरी 1 मार्च को ही मिल गई थी. इसके बाद अधिकारी पर पेपर लीक मामले में एफआईआर दर्ज कर नामजद किया गया था. जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस ने पुख्ता सबूत हासिल होने के बाद पूर्व सचिव जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है.
23 दिसंबर को हुआ था भंडाफोड़
बता दें कि 23 दिसंबर 2022 को पेपर लीक मामले का विजिलेंस ने भंडाफोड़ किया था. जूनियर ऑफिस असिस्टेंट की परीक्षा 25 दिसंबर को होनी थी. इससे दो दिन पहले ही पेपर भर्ती से पहले पेपर बेचे जाने का मामला सामने आ गया. कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनात अधिकारी उमा आजाद समेत छह लोगों पर केस दर्ज किया गया. इसमें दो अभ्यर्थी, एक दलाल के साथ उमा आजाद के दो बेटे और घर पर काम करने वाला नौकर शामिल था.
कई अन्य पर भी गिर सकती है गाज
पेपर लीक मामले में अभी तक पांच पोस्ट कोड में अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी है. पूर्व सचिव जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस पुख्ता सबूतों का इंतजार कर रही थी. तीन महीने के लंबे इंतजार के बीच विजिलेंस ने पूर्व सचिव के खिलाफ सबूत जुटाए और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आयोग के पूर्व सचिव के पास परीक्षा नियंत्रक का भी जिम्मा था. ऐसे में यह उनकी ही जिम्मेदारी थी कि गोपनीय शाखा में प्रश्न पत्र को सीक्रेट रखा जाए. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कई और अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी विजिलेंस की गाज गिर सकती है.
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