Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बुधवार को दावा किया कि पिछले तीन दिनों में कुल्लू और मनाली से लगभग 25,000 पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है, लेकिन सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं क्योंकि भूस्खलन और बाढ़ के कारण 1,100 से अधिक सड़कें अभी भी बंद हैं. खबरों के मुताबिक चंबा, शिमला, सिरमौर, किन्नौर और अन्य जिलों में बड़ी संख्या में पर्यटक फंसे हुए हैं. मोबाइल ‘कनेक्टिविटी’ बंद होने के बाद जो लोग अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे, वे अब पुलिस और जिला प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं. लापता व्यक्तियों के ठिकाने की तलाश में सोशल मीडिया पर भी कई संदेश साझा किए गए हैं.
मरने वालों की संख्या 39 पहुंची
मौसम विभाग के मुताबिक राज्य के आठ शहरों - मनाली, सोलन, रोहड़ू, ऊना, घमरूर, पच्छाद, हमीरपुर और केलोंग में जुलाई में एक दिन की बारिश के पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. चार दिनों में किन्नौर तथा लाहौल और स्पीति जिलों में पूरे मानसून सीज़न की 43 प्रतिशत और 33 प्रतिशत बारिश हुई. राज्य में बुधवार को आठ लोगों की मौत की सूचना मिली, जिससे पिछले चार दिनों में भारी बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार कुल्लू में अचानक आई बाढ़ में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि सिरमौर और सोलन में भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई. शिमला जिले में दुर्घटनावश डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. बुधवार को शव बरामद किए गए। शिमला जिले के रामपुर में एक मरीज को अस्पताल ले जाते समय एक परिवार के चार सदस्य सतलुज नदी में गिर जाने से लापता हो गए.
चंद्रताल इलाके में फंसे 300 लोग
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को लाहौल और स्पीति के चंद्रताल में फंसे पर्यटकों को निकालने को एक चुनौतीपूर्ण कार्य करार दिया. सिस्सू, मनाली, लोसार और चंद्रताल इलाके का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद उन्होंने कहा, ''हमने हालात का जायजा लेने के लिए मंत्री और मुख्य विधायी सचिव संजय अवस्थी को चंद्रताल भेजा है. उन्होंने कहा कि अवस्थी के साथ जनजातीय किन्नौर जिले के राज्य मंत्री जगत सिंह नेगी चंद्रताल में बचाव कार्यों में सहायता देंगे. नेगी, भौगोलिक स्थिति और जनजातीय आपदाओं से भलीभांति परिचित हैं. करीब 300 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं, शनिवार से चंद्रताल में फंसे हुए हैं और सात बीमार लोग, जिसमें दो बुजुर्ग और एक लड़की शामिल है, उन्हें मंगलवार को हवाई मार्ग से चंद्रताल से भुंतर लाया गया. इस बीच, सड़क बचाव दल चंद्रताल के मार्गों पर जमा बर्फ को साफ कर रहा है. बचाव दल का नेतृत्व कर रहे काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि कुंजुम पास के समीप मार्ग तीन से चार फुट की बर्फ से ढक गया है और सड़क को फिर से बहाल करने का काम जोर-शोर से जारी है.
लाहौल में फंसे पर्यटक वाहनों को निकाला
मुख्यमंत्री ने इससे पहले एक ट्वीट में कहा था, ''अब तक कसोल में फंसे दो हजार से ज्यादा लोगों को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है. हमारे दल कसोल-भुंतर मार्ग पर दुन्खरा में हुए भूस्खलन के मलबे को साफ करने का अथक प्रयास कर रहे हैं. जिला प्रशासन मौके पर राहत प्रयासों में समन्वय कर रहा है. कुल्लू को सफलतापूर्वक पार करने वाले 2200 से ज्यादा वाहनों को रामशिला चौक पर खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है. उन्होंने कहा, ''मैं खुद हालात का जायजा ले रहा हूं और इन चुनौतियों से पार पाने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मजबूती से बढ़ता हुआ हिमाचल प्रदेश. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ''लाहौल में फंसे पर्यटकों के वाहनों को रात में निकाला गया। 300 से ज्यादा पर्यटकों के वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।''
कुल्लू और मनाली से 25 हजार लोगों को निकाला गया
सुक्खू ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि कसोल और उसके उपनगरों में फंसे 3,000 से अधिक लोगों सहित लगभग 25,000 लोगों को कुल्लू और मनाली से निकाल लिया गया है. उन्होंने भूली में ब्यास सदन और पड्डल में गुरुद्वारा साहिब में राहत शिविरों का भी दौरा किया. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में शरण लेने वालों को 25,000 रुपये देने की घोषणा की है. मंगलवार को उन्होंने बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को एक लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की थी. कुल्लू के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने कहा कि एक जांच चौकी स्थापति की गई है, जहां पुलिस (फंसे) लोगों की जानकारी एकत्र कर रही है और उन्हें हमारे फेसबुक पेज पर साझा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोगों को राहत सामग्री भी मुहैया कराई जा रही है और भोजन तथा पीने का पानी रामशिला चौक पर उपलब्ध कराया जा रहा है.
भारी संख्या में फंसे थे पर्यटक
भूस्खलन और बाढ़ की वजह से कुल्लू और लाहौल के कई हिस्सों में सड़कें या तो पानी में बह गईं या मलबे की वजह से बाधित हो गई थीं, इसके कारण भारी संख्या में पर्यटक फंस गए थे. फंसे हुए लोगों को होटलों, विश्रामघरों, होम स्टे और अन्य स्थानों पर ठहराया गया है. कई होटल और पर्यटन इकाइयों ने फंसे हुए पर्यटकों को मुफ्त में रहने और खाने की पेशकश की है और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर अपने होटल के पते और संपर्क नंबर साझा किए हैं. प्राकृतिक आपदा की वजह से पर्यटकों के लिए छुट्टियां एक बुरे सपने की तरह थीं. बड़ौदा के एक पर्यटक ने कहा ‘‘हमारे पास सीमित नकदी थी, मोबाइल कनेक्टिविटी और बिजली बंद थी, एटीएम काम नहीं कर रहे थे और होटल व्यवसायी भुगतान को लेकर अड़े हुए थे. हमने उनसे कहा कि हमारे रिश्तेदार ऑनलाइन भुगतान करेंगे, लेकिन उन्होंने कहा कि यह नहीं किया जा सकता क्योंकि कोई मोबाइल संपर्क (कनेक्टिविटी) उपलब्ध नहीं है.
हिमाचल को 4 हजार करोड़ का नुकसान
बचाव दल का नेतृत्व कर रहे काजा के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि कुंजुम दर्रे के पास सड़क पर तीन से चार फुट बर्फ है और उसे हटाने का काम जारी है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा था कि सभी फंसे हुए पर्यटकों को जल्द निकाल लिया जाएगा और इस कार्य के लिए छह हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्राकृतिक आपदा की वजह से पहाड़ी राज्य को अनुमानित 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh: शिमला से दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाली बस सेवा बहाल, जानें- दूसरे रूट्स पर क्या है स्थिति?