Success Story: छोटे से कस्बे से निकलकर IAS अधिकारी बनीं संगीता जोशी, इंजीनियरिंग के बाद पकड़ी नौकरशाही की राह
Sangeeta Joshi: आईएएस अधिकारी संगीता जोशी ने एबीपी न्यूज के खास बातचीत में बताया कि भले ही वो एक छोटे से इलाके से संबंध रखती हों, लेकिन बचपन से ही उन्होंने हमेशा ही बड़े सपने देखे.
IAS Officer Sangeeta Joshi Story: कोई बड़ा शहर हो या छोटा-सा कस्बा. सपने कहीं भी और कभी भी देखे जा सकते हैं. कोई छोटी जगह आपको सपने देखने से रोक नहीं सकती. ऐसा ही सपना उत्तराखंड (Uttarakhand) के बागेश्वर (Bageshwar) की रहने वाली संगीता जोशी (Sangeeta Joshi) ने देखा. जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत से हासिल भी किया. आईएएस अधिकारी संगीता जोशी साल 2018 बैच की अफसर हैं. मौजूदा वक्त में भी सूचना और प्रसारण मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर सेवाएं दे रही हैं.
संगीता जोशी के माता-पिता दोनों ही अध्यापक थे. ऐसे में बचपन से ही उनका समय पढ़ाई में गुजरता था. हालांकि उन्होंने शुरुआत में अपना भविष्य इंजीनियरिंग में बनाने का विचार किया. साल 2011 से साल 2015 तक आईटी द्वाराहाट में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन फिर नौकरी मिलने के बावजूद इंजीनियर की नौकरी नहीं की.
यूपीएससी की परीक्षा पास करने की ठानी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद संगीता जोशी ने यूपीएससी की परीक्षा पास करने की ठानी. दिन-रात पढ़ाई के साथ ऑनलाइन माध्यम की मदद ली और दो साल की कड़ी मेहनत के बाद यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. यूपीएससी परीक्षा पास करने में संगीता जोशी की उनकी खास दोस्त किताबों ने खासी मदद की.
बेसिक कांसेप्ट क्लियर होना जरूरी
आईएएस अधिकारी संगीता जोशी ने एबीपी न्यूज के खास बातचीत में बताया कि भले ही वो एक छोटे से इलाके से संबंध रखती हों, लेकिन बचपन से ही उन्होंने हमेशा ही बड़े सपने देखे. बचपन से ही पढ़ाई करते रहने की आदत ने उन्हें यूपीएससी की परीक्षा पास करने में मदद की. संगीता जोशी यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए बताती हैं कि यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए बेसिक कांसेप्ट क्लियर होना बेहद जरूरी है. तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स को यह पता होना चाहिए कि उन्हें क्या और कितना पढ़ना है? पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम की मदद भी ली जा सकती है. किसी भी चैप्टर को पढ़ने से पहले उसके बारे में मूल जानकारी ले लेना बेहद जरूरी होता है, ताकि उसे समझने में परेशानी कम से कम हो.
असामान्य मेहनत का जीता-जागता उदाहरण
यूपीएससी की परीक्षा पास करने से पहले मॉक टेस्ट को बार-बार सॉल्व करना बेहद जरूरी है. संगीता जोशी ने बताया कि उनके अध्यापक बताया करते थे कि उस विषय को कभी न पढ़ें, जिसका आप बाद में रिवीजन न कर सकें. यानी बिना रिवीजन पढ़ाई का कोई फायदा नहीं है. संगीता जोशी ने भी अपने जीवन में अध्यापकों की कई गई इस बात को उतारा और यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली. भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी संगीता जोशी की कहानी भले ही असाधारण न हो, लेकिन असामान्य मेहनत का जीता-जागता उदाहरण है.