World Brain Stroke Day 2023: विश्व भर में ब्रेन स्ट्रोक के लिए जागरुकता को लेकर विश्व ब्रेन स्ट्रोक डे मनाया जा रहा है. भारत में भी ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति गंभीर है. देश में हर छह सेकंड में एक व्यक्ति ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो जाता है. हिमाचल प्रदेश में भी 40 साल से कम उम्र के 15 से 20 फ़ीसदी लोग इसका शिकार हो रहे हैं. हालांकि वक्त पर इसके लक्षणों का पता चलने और इलाज मिलने से जान बचाई जा सकती है.


ब्रेन स्ट्रोक के क्या हैं लक्षण?
शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में न्यूरो मेडिसिन विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति है. लक्षण की पहचान होने पर इसके तुरंत इलाज की जरूरत होती है. ब्रेन स्ट्रोक तब होता है, जब रक्त की आपूर्ति कम होने से दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं. शुरुआत में मरीज कमजोरी की शिकायत करता है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. हालांकि कभी-कभी सिर दर्द होना आम है, लेकिन अगर बार-बार सिर दर्द परेशान कर रहा है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में सिर दर्द के बाद चक्कर आते हैं. चक्कर से मरीज बेहोश हो जाता है. यह संभवत: ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है. शरीर का अचानक सुन्न हो जाना और हाथ और आंखों के बीच समन्वय में न रहना ब्रेन स्ट्रोक है. ऐसी स्थिति में तुरंत मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाना चाहिए.


क्यों बढ़ रहे ब्रेन स्ट्रोक के मामले?
डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक बच्चों से लेकर युवाओं तक हो रहा है. इसकी मुख्य वजह जीवन शैली में बड़ा बदलाव है. इन दिनों युवाओं में शारीरिक श्रम कम हो गया है. खानपान में शुद्धता नहीं है. इससे ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं. ब्रेन स्ट्रोक का इलाज संभव है. लक्षण देखने पर तुरंत अस्पताल पहुंचना जरूरी है, जहां सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध हो. डॉ. सुधीर शर्मा ने कहा कि लोगों को अपने-अपने जीवन शैली में बदलाव लाने की भी जरूरत है.


हर साल मनाया जाता है यह दिन
हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व ब्रेन स्ट्रोक दिवस लोगों को दुनिया भर में समुदायों और व्यक्तियों पर स्ट्रोक की व्यापकता और प्रभाव की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है. ब्रेन स्ट्रोक को दिमाग के दौरे के रूप में भी जाना जाता है. ब्रेन स्ट्रोक विकलांगता और मृत्यु दर का एक प्रमुख वैश्विक कारण है. इसलिए यह दिन स्ट्रोक के उपचार और रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है. इस साल वर्ल्ड ब्रेन स्ट्रोक की थीम- 'Together we are #Greater Than Stroke.’ है.


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