Indira Gandhi 105th Birth Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की 105 वीं जयंती के मौके पर उन्हें देश भर में श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया जा रहा है. वहीं हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के लोग इंदिरा गांधी को उनके यहां से विशेष लगाव की वजह से याद कर रहे हैं. इंदिरा गांधी ने एक-दो नहीं, बल्कि ढेरों ऐसे मौके दिए, जब हिमाचल प्रदेश की जनता ने सराहा. साल 1971 में 25 जनवरी का वह ऐतिहासिक दिन आज भी हिमाचल प्रदेश की स्मृति में है, जब हाड़ कंपा देने वाली ठंड और बर्फ के फाहों के बीच तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा की थी.
प्रदेश भर के लिए यह ऐसा खुशी का दिन था, जब लोगों ने ठंड की परवाह किए बगैर ऐतिहासिक रिज मैदान पर नाटी डाली थी. इसी ऐतिहासिक दिन पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने माल रोड पर खुली जीप में सवार होकर रोड शो भी किया था. कड़कड़ाती ठंड के बीच जैसे-जैसे खुली जीप के पहिए आगे बढ़ रहे थे. वैसे-वैसे हिमाचल प्रदेश नया इतिहास लिख रहा था और प्रदेश की जनता उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब नजर आ रही थी. आज भी जब प्रदेश के लोग हिमाचल प्रदेश पूर्व राज्य दर्जा मिलने के किस्से कोई याद करते हैं, तो यह किस्सा इंदिरा गांधी के जिक्र के बिना पूरा नहीं हो पाता.
शिमला समझौता के दौरान भी हिमाचल आईं थीं इंदिरा गांधी
साल 1971 में 2-3 जुलाई की दरमियानी रात को 12 बजकर 40 मिनट पर भारत-पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिसने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया. यह भारत की दूसरी जीत थी. दूसरी जीत इसलिए क्योंकि पहले भारतीय सेना ने पाकिस्तान को बुरी तरह परास्त किया था. दूसरी जीत इंदिरा गांधी के उस राजनीतिक कौशल की, जिसने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो को शिमला समझौता पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. साल 1971 में शिमला समझौते के दौरान भी इंदिरा गांधी कई दिनों तक शिमला में ही रही थीं.
पहाड़ों में बसना चाहती थीं इंदिरा गांधी
देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति से संन्यास के बाद हिमाचल प्रदेश के मशोबरा में बसना चाहती थीं, लेकिन इससे पहले ही उनकी हत्या हो गई. इंदिरा गांधी का पहाड़ों से जो प्रेम था, वह किसी से छिपा नहीं. इस बात की तस्दीक हाल ही में सोलन रैली के दौरान प्रियंका गांधी के इस भाषण ने भी की. जिसमें प्रियंका ने बताया कि इंदिरा गांधी का हिमाचल प्रदेश से खास नाता था और वह यहीं अपना घर बनाना चाहती थीं. उनके जीवित रहते घर तो नहीं बन सका, लेकिन बाद ने यह घर बनाया गया. राजीव गांधी ने भी इंदिरा गांधी की हत्या से पहले लिखे गए पत्र में उनकी इच्छा पूरी करते हुए अस्थियां हिमालय में बिखेरी थीं.
सभी को दिल खोलकर स्वीकार करता है हिमाचल
विश्व भर में हिमाचल प्रदेश की पहचान देवभूमि और वीर भूमि के रूप में है. यहां के साधारण, ईमानदार और भोले-भाले लोग हर किसी को दिल खोलकर स्वीकार करते हैं. चाहे वह देश की इकलौती महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हों, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई हों या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. यही नहीं, हिमाचल प्रदेश की धरती ने धार्मिक गुरु दलाई लामा समेत हर किसी को छोटे-बड़े के भेद के बिना खुले मन से स्वीकार किया है.