Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की निजी औद्योगिक इकाइयों में हिमाचलियों के लिए रोजगार हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. हिमाचल प्रदेश में जितने भी औद्योगिक इकाइयां काम कर रही हैं वहां 80 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार देना जरूरी है. हालांकि लेबर का काम कर उद्योग मालिकों को बाहरी राज्यों से ही मजदूरों को लाना पड़ता है.



इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि निजी इकाइयों में 80 फीसदी हिमाचल को रोजगार मिले, यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि प्रदेश सरकार सभी औद्योगिक, विद्युत और पर्यटन इकाइयों में हिमाचलियों को रोजगार सुनिश्चित कर रही है. उद्योग मंत्री ने यह निर्देश श्रम एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए हैं.

व्यापार करने में आसानी की दिशा में काम
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विभाग को हिमाचल प्रदेश के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य में श्रम कानूनों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में व्यापार की आसानी के लिए सरकार सुधार भी कर रही है. उन्होंने कहा कि अब औद्योगिक इकाइयों को अलग-अलग श्रम कानूनों के तहत पांच मैनुअल रिटर्न के बजाय एकल ऑनलाइन देना जरूरी है. इसके अलावा राज्य में प्रतिष्ठानों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और रिनुअल करने की सुविधा भी शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि लोगों को विभिन्न सेवाएं समयबद्ध सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2011 के अंतर्गत 13 सेवाओं को शामिल किया गया है.

रोजगार कार्यालयों का डिजिटलाइजेशन पूरा
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार की कौशल विकास भत्ता योजना के तहत राज्य के 51 हजार 587 बच्चों को 22.90 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की गई है. इसी तरह मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अब तक बेरोजगारी भत्ता योजना के 18 हजार 404 लाभार्थियों को 16.83 करोड़ रुपये दिए गए हैं. हिमाचल प्रदेश के सभी रोजगार कार्यालयों का डिजिटलाइजेशन कर दिया गया गया है. अब लोगों को पंजीकरण और नवीनीकरण की सुविधा ऑनलाइन मिलने जा रही है. इसके बाद उन्हें रोजगार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.


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