'विभागों में मंत्रियों की नहीं मुख्य संसदीय सचिव की...', CPS पर हाई कोर्ट के फैसले पर क्या बोले जयराम ठाकुर?
Himachal Politics: हिमाचल हाईकोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हाईकोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को बड़ा झटका दिया है. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की डबल बेंच ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को असंवैधानिक करार दिया है. साथ ही सभी मुख्य संसदीय सचिवों को तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने के आदेश जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने संसदीय सचिव एक्ट- 2006 को रद्द किया है.
CPS के दफ्तरों में तैनात स्टाफ को भी वापस बुलाया
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिव दफ्तर में तैनात स्टाफ को भी वापस बुला लिया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू फैसले के बाद मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों से राय लेने के बाद अगला कदम उठाने की बात कह रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की डबल बेंच के फैसले का नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वागत किया है. हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे. इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी शामिल हैं.
जयराम ठाकुर ने किया फैसले का स्वागत
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति असंवैधानिक रूप से की गई थी. उन्होंने कहा कि ऐसे एक मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट का भी एक फैसला है. बावजूद इसके हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की गई. जयराम ठाकुर ने कहा कि बीजेपी ने जनहित का यह मुद्दा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के सामने उठाया था. जयराम ठाकुर ने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिवों की जल्द ही सदस्यता भी जा सकती है. इनसे सुविधाओं की रिकवरी भी हो सकती है. जयराम ठाकुर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में हालात ऐसे थे कि मंत्रियों की विभाग में सुनी नहीं जाती थी और मुख्य संसदीय सचिव ही विभाग चलाते थे.
जयराम ठा कुर ने कहा कि इन मुख्य संसदीय सचिवों ने गोपनीयता की शपथ भी नहीं ली थी. बावजूद इसके यह सभी सरकारी फाइल को पढ़ते थे. जयराम ठाकुर ने कहा अगर आप भी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाना चाहते हैं, तो वह इसके लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट भी पहले ही ऐसे एक मामले में अपना फैसला दे चुका है.
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