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हिमाचल में वेतन-पेंशन भुगतान पर सियासत तेज! CM सुक्खू के दावे पर जयराम ठाकुर का पलटवार
Himachal News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुक्खू ने दावा किया है कि राज्य ने देश में पहली बार एक महीने में दो बार वेतन और पेंशन दी है. सुक्खू ने इसे अन्य राज्यों के लिए मिसाल बताया है.
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी को वेतन और पेंशनरों को पेंशन एडवांस देने के मामले में सियासी बयानबाजी तेज हो रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किन्नौर में जनसभा के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश पूरे देश भर का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने एक महीने में दो बार वेतन और पेंशन देने का काम किया.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे अन्य राज्यों के लिए मिसाल बताया. मुख्यमंत्री ने इस वीडियो को सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'प्रधानमंत्री जी, हमारी सरकार ने एक माह में दो बार सैलरी का भुगतान करके एक नई मिसाल कायम की है. लेकिन, राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलना न सिर्फ अनुचित है बल्कि जनता के साथ धोखा भी है'.
इससे पहले सितंबर महीने में कर्मचारियों को वेतन 5 तारीख और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन 9 तारीख को मिली थी. ऐसा हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ, जब वेतन और पेंशन भुगतान में देरी हुई. इसके बाद अक्टूबर महीने में कर्मचारियों को वेतन तो वक्त पर मिल गया, लेकिन पेंशन के लिए 9 तारीख का इंतजार करना पड़ा. अक्टूबर महीने की 31 तारीख को आई दिवाली राज्य सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई थी.
ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 28 अक्टूबर को ही नवंबर महीने में मिलने वाला वेतन एडवांस खातों में डालकर राजनीतिक स्कोर करने की कोशिश की. यह राज्य सरकार के लिए जरूरी भी था, क्योंकि विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा हुआ है. अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अलग-अलग मंचों से इस एक महीने में दो बार वेतन देने के मुद्दे को बना रहे हैं, क्योंकि झारखंड और महाराष्ट्र राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है.
हिमाचल के आर्थिक हालात खराब होने का दावा
किन्नौर में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से नवाजा है. ऐसा कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया, बल्कि कर्मचारियों के आत्मसम्मान के लिए किया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को इसका राजनीतिक लाभ लेना होता, तो हिमाचल प्रदेश में अगला चुनाव साल 2027 में होना है. अगर इसका कोई चुनावी फायदा लेना होता, तो पहले कैबिनेट की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का फैसला नहीं लिया जाता. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद कर्मचारियों के बेटे हैं और आज भी उनकी मां अपनी पुरानी जेब से उन्हें 500 रुपये निकाल कर देती है और इसमें वह आत्मसम्मान महसूस करती हैं.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के 9 हजार 500 करोड़ रुपये का अंशदान रुका हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को झूठ बोलने की आदत पड़ गई है. हिमाचल प्रदेश पूरे देश भर में अकेला ऐसा राज्य है, जिसने अक्टूबर महीने में दो बार वेतन और पेंशन दी है.
CM सुक्खू के दावे पर जयराम ठाकुर का पलटवार
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा हास्यास्पद बातें करते हैं. दीपावली से पहले वेतन देने की परंपरा हमेशा से रही है, इसलिए एक महीने में दो वेतन देने की बातें करना ही हास्यास्पद है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो वेतन देने के लिए भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे अन्य राज्यों के लिए मिसाल बताया. मुख्यमंत्री ने इस वीडियो को सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'प्रधानमंत्री जी, हमारी सरकार ने एक माह में दो बार सैलरी का भुगतान करके एक नई मिसाल कायम की है. लेकिन, राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलना न सिर्फ अनुचित है बल्कि जनता के साथ धोखा भी है'.
रिटायर्ड कर्मचारियों को 9 तारीख को मिली थी पेंशनप्रधानमंत्री जी, हमारी सरकार ने एक माह में दो बार सैलरी का भुगतान करके एक नई मिसाल कायम की है।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) November 2, 2024
लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोलना न सिर्फ अनुचित है बल्कि जनता के साथ धोखा भी है। pic.twitter.com/2GDkWG63hc
इससे पहले सितंबर महीने में कर्मचारियों को वेतन 5 तारीख और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन 9 तारीख को मिली थी. ऐसा हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ, जब वेतन और पेंशन भुगतान में देरी हुई. इसके बाद अक्टूबर महीने में कर्मचारियों को वेतन तो वक्त पर मिल गया, लेकिन पेंशन के लिए 9 तारीख का इंतजार करना पड़ा. अक्टूबर महीने की 31 तारीख को आई दिवाली राज्य सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई थी.
ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 28 अक्टूबर को ही नवंबर महीने में मिलने वाला वेतन एडवांस खातों में डालकर राजनीतिक स्कोर करने की कोशिश की. यह राज्य सरकार के लिए जरूरी भी था, क्योंकि विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में जुटा हुआ है. अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अलग-अलग मंचों से इस एक महीने में दो बार वेतन देने के मुद्दे को बना रहे हैं, क्योंकि झारखंड और महाराष्ट्र राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है.
हिमाचल के आर्थिक हालात खराब होने का दावा
किन्नौर में जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उन्होंने राज्य के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम से नवाजा है. ऐसा कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया, बल्कि कर्मचारियों के आत्मसम्मान के लिए किया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को इसका राजनीतिक लाभ लेना होता, तो हिमाचल प्रदेश में अगला चुनाव साल 2027 में होना है. अगर इसका कोई चुनावी फायदा लेना होता, तो पहले कैबिनेट की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का फैसला नहीं लिया जाता. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद कर्मचारियों के बेटे हैं और आज भी उनकी मां अपनी पुरानी जेब से उन्हें 500 रुपये निकाल कर देती है और इसमें वह आत्मसम्मान महसूस करती हैं.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के 9 हजार 500 करोड़ रुपये का अंशदान रुका हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को झूठ बोलने की आदत पड़ गई है. हिमाचल प्रदेश पूरे देश भर में अकेला ऐसा राज्य है, जिसने अक्टूबर महीने में दो बार वेतन और पेंशन दी है.
CM सुक्खू के दावे पर जयराम ठाकुर का पलटवार
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा हास्यास्पद बातें करते हैं. दीपावली से पहले वेतन देने की परंपरा हमेशा से रही है, इसलिए एक महीने में दो वेतन देने की बातें करना ही हास्यास्पद है. जयराम ठाकुर ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो वेतन देने के लिए भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं.
जयराम ठाकुर ने आगोे कहा कि मुख्यमंत्री कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. उन्होंने कर्मचारियों से एरियर और डीए का वादा किया, लेकिन इसका भुगतान नहीं किया. बीते दो सालों से कर्मचारियों को मेडिकल रीइंबर्समेंट के लिए तरसाया जा रहा है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में दो महीने तक अगर देरी से वेतन और पेंशन देने के बाद वह दीपावली के वेतन दे पाए, तो यह केंद्र सरकार की ओर से एडवांस टैक्स शेयर मिलने की वजह से संभव हो सका है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख से अब तक केंद्र सरकार का आभार प्रकट करने के लिए एक भी शब्द नहीं निकला है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में दो महीने तक अगर देरी से वेतन और पेंशन देने के बाद वह दीपावली के वेतन दे पाए, तो यह केंद्र सरकार की ओर से एडवांस टैक्स शेयर मिलने की वजह से संभव हो सका है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख से अब तक केंद्र सरकार का आभार प्रकट करने के लिए एक भी शब्द नहीं निकला है.
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