हिमाचल प्रदेश: पुलिसकर्मियों के समर्थन में आए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सुक्खू सरकार से कर दी ये मांग
Himachal News: हिमाचल सरकार ने पुलिसकर्मियों को निजी यात्राओं पर एचआरटीसी बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा समाप्त कर दी है. वेतन से कटने वाली राशि अब खत्म हो गई है.
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने हाल ही में पुलिस कर्मचारियों के एचआरटीसी बस में सफर करने से संबंधित एक बड़ा फैसला लिया. इससे पहले पुलिस कर्मचारियों के वेतन से हर महीने 110 रुपये काटकर एचआरटीसी प्रबंधन को जाया करते थे.
अब पुलिस कर्मचारियों को निजी काम के लिए खुद अपना किराया चुकाना होगा. आधिकारिक काम के लिए बस यात्रा करने पर किराए में खर्च किया गया धन वापस किया जाएगा. इसे रीइंबर्समेंट कहा जाता है. सरकार के इस फैसले के पुलिसकर्मियों में भी अंदरूनी विरोध के स्वर उठे हैं.
पुलिस कर्मियों के सपोर्ट में आए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार की ओर से पुलिसकर्मियों को मिल रही इस सुविधा को वापस लेने की निंदा की है. जयराम ठाकुर ने कहा कि शासकीय कार्यों के लिए बस की यात्रा करने के बदले पुलिस कर्मचारी हर महीने अपने वेतन से निर्धारित धनराशि कटवाते हैं. इसके बाद भी सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि पुलिस कर्मचारी बस में मुफ्त यात्रा करते थे. सरकार की ओर से दिया गया यह बयान शर्मनाक है. पुलिस विभाग की ओर से हर साल एचआरटीसी को पांच करोड़ रुपये का सहयोग हर साल दिया जाता रहा है.
कैबिनेट रैंक बांटकर राजस्व को किया है नुकसान
इस पर भी सरकार में बैठे मंत्रियों की इस तरह की टिप्पणी निंदनीय है. राज्य सरकार के मंत्री की ओर से पुलिस बल की एचआरटीसी में मुफ्त यात्रा और मिसयूज शब्द का इस्तेमाल किया गया. यह बेहद आपत्तिजनक शब्द है. इसे लेकर सरकार को माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अगर राजस्व बढ़ाना है, तो सलाहकारों की फौज और मनमाने बांटे गए कैबिनेट रैंक पर ध्यान देना चाहिए.
तुगलकी तुगलक की फरमान को वापस ले सरकार- जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पुलिस कर्मचारियों के कार्य विविधता को देखते हुए सरकार की ओर से एचआरटीसी में अनुदानित यात्रा करने का प्रबंध किया गया था. पुलिस के जवानों को अपना काम निपटाना के लिए इधर-उधर यात्रा करनी पड़ती है. कभी पुलिस कर्मचारी समन लेकर बस में जाते हैं, तो कभी अन्य सरकारी काम के लिए.
जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को प्रदेश के पूरे सिस्टम को संदिग्ध नजर से देखना बंद करना चाहिए. इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करने से बाज आ जाना चाहिए. उन्होंने मांग उठाई है कि पुलिस कर्मचारियों के लिए इस सेवा को दोबारा शुरू किया जाए.
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