देशभर में आज हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) का त्योहार मनाया जा रहा है. हनुमान जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है. हनुमान जयंती को पवन पुत्र के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. देशभर में भगवान हनुमान के हजारों मंदिर हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में बना भगवान हनुमान का मंदिर बेहद ऐतिहासिक होने के साथ भक्तों की आस्था का प्रतीक है. शिमला में करीब 8 हजार 048 फीट की ऊंचाई पर विश्व प्रसिद्ध जाखू मंदिर (Shri Hanuman Mandir Jakhu) स्थित है. इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है.


संजीवनी बूटी लाने के वक्त यहां रुके थे हनुमान


भगवान हनुमान का दर्शन करने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में राम-रावण युद्ध के दौरान जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए, तो सुखसेन वैद ने भगवान राम को संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा. इसके लिए भगवान राम ने अपने अनन्य भक्त हनुमान को चुना. अपने प्रभु भगवान श्री राम के आदेशों पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत की ओर उड़ चले.


इसी स्थान पर प्रकट हुई भगवान की स्वयंभू मूर्ति 


हिमालय की ओर जाते हुए भगवान हनुमान की नजर राम नाम जपते हुए ऋषि यक्ष पर पड़ी. इस पर हनुमान यहां रुककर ऋषि यक्ष के साथ भेंट की और आराम किया. भगवान हनुमान ने वापस लौटते हुए ऋषि यक्ष से भेंट करने का वादा किया, लेकिन वापस लौटते समय भगवान हनुमान को देरी हो गई. समय के अभाव में भगवान हनुमान छोटे मार्ग से चले गए. ऋषि यक्ष भगवान हनुमान के न आने से व्याकुल हो उठे. ऋषि यक्ष के व्याकुल होने से भगवान हनुमान इस स्थान पर स्वयंभू मूर्ति के रूप में प्रकट हुए.


भगवान हनुमान की चरण पादुका भी है मौजूद


इस मंदिर में आज भी भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति और उनकी चरण पादुका मौजूद हैं. माना जाता है कि भगवान हनुमान की स्वयंभू मूर्ति प्रकट होने के बाद यक्ष ऋषि ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया. ऋषि यक्ष से याकू और याकू से नाम जाखू पड़ा. दुनियाभर में आज इस मंदिर को जाखू मंदिर के नाम से जाना जाता है.


मंदिर में स्थापित है 108 फीट ऊंची मूर्ति


साल 2010 ने इस मंदिर में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति भी स्थापित की गई, जो शिमला में प्रवेश करने पर दूर से ही नजर आ जाती है. भगवान हनुमान के भक्त रोजाना उनके दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं. कहा जाता है कि भगवान हनुमान अपने सच्चे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.


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