Cm Alert : उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के बीच हिमाचल प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने सभी जिला उपायुक्तों के साथ बैठक कर रिपोर्ट तलब की है. इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों से सिंकिंग जोन (sinking zone) के बारे में जानकारी मांगी है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ भी इस विषय को लेकर बैठक की है.


हिमाचल में उत्तराखंड की तरह स्थिति नहीं : सीएम 
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा के जिला उपायुक्तों से इस बारे में रिपोर्ट तलब की गई है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश में इस तरह की स्थिति पैदा होने की कोई आशंका नहीं है. लेकिन, बावजूद इसके सरकार सतर्कता के साथ इस पर विचार कर रही है.


हिमाचल में भी होता रहा है हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति भी उत्तराखंड की तरह ही है. पहाड़ी राज्य होने की वजह से अमूमन यहां भूस्खलन की समस्या बनी रहती है. उत्तराखंड में लगातार बनाए जा रहे हाइड्रो प्रोजेक्ट से जोशीमठ में भू-धंसाव की स्थिति पैदा हुई है. हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में इस तरह के प्रोजेक्ट का विरोध होता रहा है. हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के लोग जंगी-थोपन हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध करते रहे हैं. लोगों के विरोध के बीच ही अब तक यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार उत्तराखंड में पैदा हुए मानवीय संकट से सीख लेकर पहले ही तैयार नजर आ रही है.


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