Kalka-Shimla Heritage Track: यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर घोषित कालका-शिमला रेलवे हैरिटेज ट्रैक पर ट्रेन का संचालन शुरू हो गया है. बुधवार (20 सितंबर) से रेलवे ने ट्रैक पर दो ट्रेन चला दी हैं. हालांकि अभी शिमला तक ट्रेन से पहुंचने के लिए यात्रियों को कुछ वक्त का इंतजार करना होगा. कालका से सोलन तक करीब 70 दिनों के लंबे अंतराल के बाद यह ट्रेन यात्रियों को लेकर यहां पहुंची. अभी पहली ट्रेन में केवल 15 यात्री ही इसमें सफर कर पहुंचे. आने वाले दिनों में यह आमद बढ़ने की उम्मीद है.


इससे पहले सोमवार और मंगलवार को रेलवे ने ट्रैक पर मालगाड़ी चलाकर ट्रायल पूरा किया था. ट्रायल सफल होने के बाद रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया. मालगाड़ी के सफल ट्रायल के बाद कालका से तक सोलन तक ट्रेनों का संचालन शुरू हो गया है. इससे पहले बारिश के बाद हुए भूस्खलन की वजह से ट्रेनों का संचालन बंद किया गया था. बताया जा रहा है कि सितंबर महीने के अंत तक शिमला के समरहिल के पास क्षतिग्रस्त ब्रिज को भी बना लिया जाएगा. इसके बाद यहां ट्रायल होगा और ट्रायल सफल होने के बाद शिमला तक ट्रेन का संचालन किया जा सकेगा.



यह है ट्रेन चलने का समय
कालका से शिमला तक ट्रेन चलने के बाद पर्यटकों की आमद बढ़ने की उम्मीद है. जानकारी के मुताबिक, 04506 ट्रेन सुबह 04:30 पर कालका से चलेगी. यह ट्रेन सुबह करीब 7:15 बजे सोलन पहुंचेगी. इसके बाद यह ट्रेन सोलन से सुबह 9:10 बजे चलकर 11:55 बजे कालका पहुंचेगी. दूसरी ट्रेन 04516 दोपहर 12:10 बजे कालका से चलेगी और दोपहर 2:55 बजे सोलन पहुंचेगी. यह ट्रेन शाम को पांच बजे सोलन से वापस रात 7:45 बजे कालका पहुंचेगी.


जुलाई महीने के अंत से बंद है ट्रेन का संचालन
बता दें कि जुलाई महीने के अंत में ही रेलवे ने शिमला तक ट्रेन का संचालन बंद कर दिया था. बाद में 14 अगस्त को शिमला में हुई तबाही की वजह से समरहिल में रेलवे ट्रैक के बेस पर बनी सुरक्षा दीवार ढह गई. इस दीवार के ढह जाने के बाद यहां संचालन लगभग नामुमकिन लग रहा था. हालांकि रेलवे ने समय रहते इसका काम शुरू किया. उम्मीद जताई जा रही है कि सितंबर महीने के अंत तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. आने वाले दिनों में नवरात्रि के मौके पर पश्चिम बंगाल से बड़ी संख्या में शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में धार्मिक पर्यटन शीश नवाने के लिए पहुंचते हैं. यह सभी पर्यटक आवाजाही के लिए मुख्य रूप से ट्रेन का ही इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में रेलवे के सामने यह भी चुनौती है कि नवरात्रि से पहले इस ट्रैक पर रेल का संचालन शुरू कर लिया जाए, ताकि यहां आने वाले भक्तों को सुविधा दी जा सके.


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