Mandi News: बीजेपी सांसद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने कहा कि हमारे शिल्पकारों ने कई त्रासदियां झेली हैं. ये शिल्पकार गरीबी और भूखमरी की मार झेलता हुआ आगे बढ़े हैं. कंगना ने कहा कि उनका जीवन आसान नहीं है और यह चीज पीएम नरेंद्र मोदी ने समझा और इसलिए उन्हें आज अलग-अलग तरीके की ट्रेनिंग दी जाती है.


कंगना रनौत ने ये बातें मंडी के आईटीआई कॉलेज में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की पहली वर्षगांठ कार्यक्रम के दौरान कही. उन्होंने यहां योजना के लाभार्थियों को सर्टिफिकेट भी बांटे.


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''राजस्थान में ऐसी-ऐसी हवेलियां और पौराणिक मंदिर हैं जो हजारों साल पुराने हैं. लोग कहते हैं कि इतने वर्ल्ड हेरिटेड साइट हैं जिन्हें देखकर लगता है कि ये इंसान का काम नहीं है. शिल्पकारों ने कितनी ही त्रासदियां झेली हैं. वो किसे याद नहीं है. जब हम परतंत्र थे. मुगल आए और अंग्रेज आए, हमारे शिल्पकारों के हाथ काट दिए जाते थे, अंगुलियां काट दी जाती थीं. उनके बाजू काट दिए जाते थे.''


आसान नहीं रहा है शिल्पकारों का जीवन- कंगना
बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा, ''उनकी इतनी दुर्दशा कर दी थी. परिवार दर परिवार कला विलुप्त होती गई. गरीबी और भूखमरी की चोट खाता हुआ शिल्पकार यहां तक पहुंचा है. उनका जीवन आसान नहीं था. ये बात हमारे पीएम मोदी ने समझा है इसलिए उनको अलग अलग ट्रेनिंग दी है ताकि वे पौराणिक इतिहास को लेकर साथ चलें लेकिन आधुनिकता से उनका कल्याण हो सके. आज उन्हें ट्रेनिंग के पैसे मिलते हैं, किराया मिलता है. इसके लिए सारे विश्वकर्मा भाई अप्लाई कर सकते हैं.''






डिजिटाइजेशन से कला का हुआ प्रचार- कंगना
कंगना रनौत ने कहा, ''डिजिटाइजेशन के जरिए उनका प्रमोशन हुआ. अगर  किसी ने कुछ अच्छा बनाया तो डिजिटाइजेशन से प्रचार हुआ. उनके कल्याण के लिए लोन दिया जा रहा है. उनके लिए तीन मिनिस्ट्री बनाई गई है. इसी तरह से किसी तरह उपकरण के लिए 15 हजार रुपये दिए जाते हैं. आधुनिक उपकरण के लिए भी मदद की जाती है ताकि वे किसी भी हाल में पीछे ना रहें.''


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