Himachal News Today: हिमाचल के कुल्लू की खराहल घाटी के बिजली महादेव मंदिर के रोपवे के निर्माण का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शिलान्यास किया है. केंद्र सरकार ने इसके लिए 283 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. कुछ दिनों पहले इस रोपवे के निर्माण की अनुमति भी मिल चुकी है. हालांकि खराहल घाटी के लोग इस रोपवे का विरोध कर रहे हैं.
अब मंडी से बीजेपी सांसद कंगना रनौत भी रोपवे के विरोध में उतर आई हैं. उन्होंने स्थानीय लोगों आश्वासन देते हुए कहा कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है, इसलिए बिजली महादेव के लिए रोपवे के मामले में वह लोगों के साथ हैं. कंगना रनौत, कुल्लू स्थित खराहल घाटी के चंसारी गांव में देवता बिजली महादेव के दर्शन के लिए पहुंची थीं.
ग्रामीणों ने कंगना से की ये मांग
इस मौके पर कंगना रनौत ने देवता के दर्शन किए और उनके समक्ष शीश नवा कर आशीर्वाद लिया. इस दौरान खराहल घाटी के लोगों ने बिजली महादेव रोपवे के निर्माण के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए मंडी सांसद कंगना रनौत के सामने अपनी मांगें रखी.
बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगी. उन्होंने कहा कि आधुनिकता अपनी जगह है और देवता का आदेश अपनी जगह है. कंगना ने कहा, "मैं और मेरी बहन यहां से हैं, यहां मेरा घर है. इसलिए कुल्लू मनाली से मुझे विशेष प्यार है."
रोपवे निर्माण पर कंगना ने क्या कहा?
कंगना रनौत ने रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर कहा, "जिस समय यहां पर मिट्टी के सैंपल लेने के आए थे, तो मैंने खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से कहा था कि यहां के लोगों की इच्छा नहीं है कि यहां पर ये काम हो." उन्होंने कहा, "इसके बाद उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था."
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना ने कहा, "कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए इससे जुड़े हुए हैं, अगर फिर से ऐसी स्थिति आती है तो मैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास जाने से नहीं हिचकिचाउंगी." उन्होंने कहा, "जिसे देवता चाहते ही नहीं है, हमें उस तरह का काम करने की जरूरत नहीं है. आधुनिकीकरण अपनी जगह है, लेकिन हमारे समाज में देवताओं की मर्जी ही सर्वोपरि होती है."
रोपवे निर्माण का ग्रामीण कर रहे विरोध
गौरतलब है कि बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए रोपवे के निर्माण को लेकर खराहल और कशावरी घाटी के लोग विरोध कर रहे हैं. इससे पहले ग्रामीणों ने कई बार सड़कों पर उतरकर बिजली महादेव रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का कहना है कि रोपवे बनने से देवता खुश नहीं हैं.
विरोध करने वाले ग्रामीणों का दावा है कि इस रोपवे के निर्माण से भी देवता ने मना किया है. लोगों का कहना है कि रोपवे बनने से उनके रोजगार बुरी तरह से प्रभावित होंगे. इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि रोपवे निर्माण के लिए कई पेड़ों को काटा जाएगा.
(कुल्लू से परी शर्मा की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: 'न हम झुके हैं, न हम डरे हैं', हिमाचल सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ की सुक्खू सरकार को दो टूक