Himachal Pradesh News: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश एक बार फिर सुर्खियों में है. हिमाचल प्रदेश के घुमारवीं में कश्मीरियों को काम करने से रोकने के आरोप लगे हैं. बिलासपुर के घुमारवीं इलाके में कुछ कश्मीरी फेरीवालों का आरोप है कि उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. स्थानीय लोग उन्हें काम करने से रोक रहे हैं. इसके पीछे उनके व्यापार को खराब करने की बात कही जा रही है, जबकि वे तो यह काम करते ही नहीं हैं. ऐसे में उन्हें काम करने से रोकने के पीछे की मंशा समझ से परे है. उनके मकान मालिकों को भी उन्हें बाहर करने के लिए कहा जा रहा है.
कश्मीरी फेरीवालों का कहना है कि वो भी तो हिंदुस्तान के ही रहने वाले हैं. अगर उन्हें यहां काम करने से रोका जाएगा, तो वह आखिर कहां जाकर काम करेंगे. गौर हो कि इससे पहले हिमाचल जिला कांगड़ा में भी एक ऐसी ही घटना आई थी, जहां एक महिला प्रतिनिधि ने कश्मीरी फेरीवालों को काम करने से रोका था.
महबूबा मुफ्ती की CM सुक्खू से हस्तक्षेप की मांग
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा, "हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं को दक्षिणपंथी समूहों से उत्पीड़न, हमले और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. उचित दस्तावेजों के बावजूद उन्हें व्यवसाय करने से रोका जा रहा है और बेदखल किया जा रहा है. यह तीसरी ऐसी घटना है, जो लक्षित हिंसा के चिंताजनक पैटर्न को उजागर करती है. कश्मीरियों को अलग-थलग करने की यह कोशिश उन्हें और अलग-थलग कर देगी. मैं उमर अब्दुल्ला और सुखविंदर सिंह सुक्खू से आग्रह करती हूं कि वे हस्तक्षेप करें और इन व्यापारियों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करें."
पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने पोस्ट की वीडियो
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी ने अपने एक्स अकाउंट पर यह वीडियो साझा की है. बुखारी ने लिखा, "मुझे बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं और रेहड़ी-पटरी वालों को कुछ स्थानीय बदमाशों की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा है और धमकियां दी जा रही हैं. उन्हें जगह छोड़कर घर वापस जाने के लिए कहा जा रहा है.''
उन्होंने कहा, ''यहां तक कि उनके मकान मालिकों पर भी कश्मीरी किराएदारों को बेदखल करने का दबाव बनाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वे हिमाचल के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाए और वहां कश्मीरी विक्रेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें. यह गरीब लोग हैं, जो अपनी आजीविका कमाते हैं. उनमें से कुछ पिछले दो-तीन दशकों से वहां जा रहे हैं और उन्होंने ग्राहकों का एक नेटवर्क भी बना लिया है. उनकी आजीविका की रक्षा की जानी चाहिए".
बिलासपुर पुलिस ने क्या कहा?
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने एबीपी न्यूज से कहा कि उन्हें इस संबंध में एक शिकायत मिली है. कश्मीरी फेरीवालों ने एसडीएम घुमारवीं को अपनी हर शिकायत दी थी. दोनों पक्षों को बात करने के लिए बुलाया जाएगा. इसमें कोई सांप्रदायिक सौहार्द खराब होने जैसी बात नहीं है. शिकायत के आधार पर यह व्यापार से जुड़ी परेशानी नजर आ रही है. दोनों पक्षों को बुलाया जाएगा और बात की जाएगी. जिला बिलासपुर में कानून-व्यवस्था चाक चौबंद है.
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