Kinnaur News: हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर में संस्कृति को बचाने के लिए ग्राम पंचायत सुमरा (Gram Panchayat Sumra) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. ग्राम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ कि गांव सुमरा में शादियों में मेहंदी रस्म, जूते छिपाने, केक काटने और शादी में सेहरा बांधने का प्रचलन बंद होगा. इलाके में होने वाली शादियों में मॉडर्न ट्रेंड नहीं अपनाया जाएगा, बल्कि केवल पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार ही शादी समारोह पूरे किए जाएंगे. ग्राम सभा ने यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया है.
'परंपरा पर मंडरा रहा खतरा'
जिला किन्नौर जनजातीय जिला है और यहां की संस्कृति अपने आप में सबसे अलग है. सोशल मीडिया के इस दौर में जनजातीय इलाकों तक बाहरी संस्कृति का असर देखने के लिए मिला है. ऐसे में अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों को बचाने के लिए विकास खंड पूह की ग्राम पंचायत सुमरा ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया. सुमरा के उप प्रधान छेरिंग ने बताया कि जनजातीय जिला किन्नौर की संस्कृति बेहद समृद्ध है. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि शादियों में पारंपरिक रीति-रिवाजों को छोड़कर मॉडर्न ट्रेंड जा रहा है. बॉलीवुड के गानों का क्रेज भी यहां बढ़ता जा रहा है. इससे परंपरा पर खतरा मंडरा रहा है.
मंत्री ने भी किया निर्णय का स्वागत
ऐसे में यह निर्णय लिया कि रीति-रिवाज के साथ ही शादी करवाई जाएगी. आने वाले वक्त में यह नियम अन्य गांवों में भी अपनाया जाएगा. हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री और किन्नौर जिला से विधायक जगत सिंह (Jagat Singh) ने भी ग्राम पंचायत के समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि किन्नौर की समृद्ध और रीति-रिवाजों को बचाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने ग्राम पंचायत का तहदिल से स्वागत किया.
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