Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत हो चुकी है. सदन में नियम- 102 के तहत सरकारी प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है. इस प्रस्ताव के जरिए हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की नेतृत्व वाली सरकार हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कर रही है. यह प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजे जाने की योजना है. इसी प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया.


केंद्र सरकार पर ठीकरा फोड़ने की कोशिश- जयराम ठाकुर 


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी की ओर से हुई. विपक्ष नियम- 67 के तहत चर्चा मांग रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने बाहर भी नहीं बोला और अब हमें अंदर भी बोलते नहीं दिया जा रहा है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आपत्ति जाहिर की. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को जन भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. कोरोना कल के वक्त तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आरोप लगाते थे कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश में जयराम ठाकुर की वजह से कोरोना फैल रहा है. लेकिन, हम ऐसा नहीं कर रहे हैं.


हमें संभलने की जरूरत है- जयराम ठाकुर 


जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रकृति ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हमें सचेत रहने की आवश्यकता है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नाचन के विधायक विनोद कुमार पर FIR का मामला भी सदन में उठाया और जल्द से जल्द एफ.आई.आर को वापस लेने की मांग उठाई. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रतिनिधि होने के नाते जब उनके इलाके की जनता को राहत नहीं मिल रही थी, तब उन्होंने अधिकारी के सामने अपने इलाके की जनता की मांग उठाई. इसमें कुछ भी गलत नहीं था. इस पर FIR करना दुर्भाग्यपूर्ण है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आने वाले दिनों में परेशानी और ज्यादा बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ना चाह रही है, जो सरासर गलत है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार जो दावे कर रही है, ग्राउंड जीरो पर सच्चाई उससे अलग है. उन्हें खुद अपने विधानसभा क्षेत्र में जाने के लिए 15 दिन का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि वहां सड़क बंद पड़ी थी.


सेब बागवानों की आवाज भी उठाई 


नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान की आवाज भी बुलंद की. उन्होंने कहा की जगह-जगह सड़के बंद पड़ी हुई हैं. इसकी वजह से सेब बागवानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पांच हजार करोड़ की सेब की आर्थिकी को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. जयराम ठाकुर ने कहा कि जब एक बागवान को मजबूरी में अपने सब नाले में फेंकने पड़े, तो सरकार ने उस पर एक लाख का जुर्माना कर दिया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश में ड्रेनेज सिस्टम को भी बेहतर करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ड्रेनेज के साथ डंपिंग की व्यवस्था भी किए जाने की जरूरत है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार से और ज्यादा मदद मांगने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया है, वह राजनीतिक मंशा के साथ लाया गया है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज तक के इतिहास पर अगर नजर डाली जाए, तो वर्तमान केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश की अब तक सबसे ज्यादा मदद की है. नेता प्रतिपक्ष में हिमाचल प्रदेश में राहत कार्य के बीच सरकार पर भाई-भतीजावाद फैलने का भी आरोप लगाया.


सरकार ने मांगा विपक्ष का सहयोग


वहीं, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस प्रस्ताव पर विपक्ष का सहयोग मांगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ग्राउंड जीरो पर जाकर काम किया है. उन्होंने कहा कि जहां विपक्ष की ओर से भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए जा रहे हैं. यदि कोई मामला इस तरह का सामने आएगा, तो वह संबंधित अधिकारी पर सख्त कार्रवाई अमल में लाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि विपक्ष के नेता भी हिमाचल में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए राज्य सरकार का साथ दें.


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