Himachal: हिमाचल में भांग की खेती लीगल करने की कवायद तेज, उत्तराखंड-मध्य प्रदेश दौरे पर जाएगी विशेष कमेटी
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने की कवायद तेज हो गई है. इसके लिए पांच सदस्यीय विशेष कमेटी उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का दौरा करेगी.
Legal Cannabis Cultivation: हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ऑस्ट्रेलिया दौरे से वापस लौट आए हैं. ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटने के बाद जगत सिंह नेगी ने कहा कि उन्होंने बागवानी के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया जाकर कई नई चीजें देखी और उन्हें सीखने की कोशिश की. बागवानी मंत्री ने कहा कि नई चीजों को हिमाचल प्रदेश में भी लागू करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे. नेगी ने कहा कि इस बार सेब सीजन के लिए भी कुछ नए कदम उठाए जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में सेब और अन्य फलों को प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाना है.
भांग की खेती हो सकती है लीगल
हिमाचल प्रदेश सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने की कवायद भी तेज कर दी है. औषधीय गुणों से भरपूर भांग की खेती को उद्योग के क्षेत्र में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अध्ययन के लिए हिमाचल प्रदेश में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. यह पांच सदस्यीय ही कमेटी अब उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के दौरे पड़ जाएगी. इन दोनों ही राज्यों में भांग की खेती लीगल है. ऐसे में यह कमेटी दोनों राज्यों में जाकर इसका मैकेनिज्म समझने की कोशिश करेगी. यह दौरा 20 मई से 23 मई तक होगा. इस दौरे पर कमेटी भांग की खेती को लीगल करने की दिशा में कदम बढ़ाने के बारे में विचार करेगी.
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बजट सत्र के दौरान हुई चर्चा
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भांग की खेती को लीगल करने का मामला उठाया गया था. इससे पहले कुल्लू के विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने भी औषधीय गुणों को ध्यान में रखते हुए भांग की खेती को लीगल करने की बात कही थी. हिमाचल सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने के अलग-अलग पहलुओं पर रिपोर्ट देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी की अध्यक्षता राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी कर रहे हैं. इस कमेटी में सुंदर सिंह ठाकुर, डॉ. हंसराज, डॉ. जनक राज और पूर्ण चंद को कमेटी का सदस्य बनाया गया है.
नियम 63 के तहत विधानसभा में हुई चर्चा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन नियम 63 के तहत भांग की खेती को लीगल करने को लेकर चर्चा लाई गई थी. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से विपक्ष के सदस्य पूर्ण चंद ने सदन में इसकी चर्चा का प्रस्ताव लाया था. सदस्यों ने भांग के औषधीय गुणों का हवाला देते हुए भांग की खेती करने की मांग उठाई थी
प्रदेश सरकार हर साल कर सकती है करोड़ों की कमाई
हिमाचल प्रदेश में अनुमानित 24 एकड़ में भांग की संगठित अवैध खेती हो रही है. राज्य में हर साल 960 करोड़ रुपए के मूल्य की चरस की तस्करी का भी अनुमान है. ऐसे में अगर भांग की खेती लीगल की जाती है, तो इससे स्थानीय लोगों को भी फायदा होगा. साथ ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को खत्म करने में भी यह कारगर सिद्ध होगी. प्रदेश में भांग की लीगल खेती से न केवल स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा बल्कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों पर काबू पाने में भी कारगर सिद्ध होगी. उन्होंने स्पष्ट किया है कि भांग की खेती का नशे से कोई सरोकार नहीं होगा.