(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Himachal Politics: 'लोकतंत्र में नेता नहीं...', हिमाचल कांग्रेस के सियासी संकट के बीच CM सुक्खू का BJP पर हमला
Himachal Political Crisis: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के बागी विधायकों को लेकर कहा कि इन विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनकर नहीं, बल्कि धन की ताकत पर भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया.
Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने चोरी से सत्ता हत्याने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि जनता भारतीय जनता पार्टी को इसके लिए माफ नहीं करेगी.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय जनता पार्टी पर जोरदार तंज भी किया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी छह कांग्रेस के बागी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों को इस तरह लेकर घूम रही है, जैसे गडरिया अपनी भेड़ों को लेकर घूमता है. उन्होंने कहा कि पहले नौ दिन तक विधायकों को चंडीगढ़ में रखा गया और अब प्राइवेट प्लेन से उन्हें ऋषिकेश ले जाया गया है. यहां वह सात सितारा होटल में ठहरे हुए हैं.
सीएम किया BJP पर तंज
उन्होंने कहा कि विधायक को जनता अपना दु:ख बांटने के लिए चुनती है, लेकिन उन्हें तो बाहर ही नहीं आने दिया जा रहा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनकर नहीं, बल्कि धन की ताकत पर भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया. मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेताओं से कहा कि वह कम से कम इन सभी को अपने परिवार के लोगों से मिलने दें.
लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है. बागियों ने अंतरात्मा की आवाज पर नहीं, धन की आत्मा पर वोट डाला- CM @SukhuSukhvinder @ABPNews #HimachalPradesh pic.twitter.com/2YiOz9Voqz
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) March 9, 2024
'लोकतंत्र में नेता नहीं जनता बड़ी होती है'
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बीजेपी को यह याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र में नेता नहीं जनता बड़ी होती है. आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता बीजेपी को इसका जवाब देने वाली है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की राजनीति में 40 साल से ज्यादा का सियासी अनुभव रखने वाले हर्ष महाजन की पहचान एक प्रबंधक के तौर पर है.
राज्यसभा में बीजेपी की जीत
इसी प्रबंधन से सियासी कौशल दिखाते हुए उन्होंने बीजेपी की सिर्फ 25 सीट होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली. वहीं शुरुआत में तो हर्ष महाजन कांग्रेस विधायकों से अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट डालने के लिए कहते रहे, लेकिन आखिरी वक्त तक हर्ष महाजन ने अपने प्रबंधन से खेल कर दिया. कांग्रेस के छह विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों ने महाजन के वोट में समर्थन में वोट कर दिया.
इसके बाद विधायकों के कुल 68 वोट में से हर्ष महाजन और अभिषेक मनु सिंघवी के बीच 34-34 वोट के साथ चुनाव ड्रॉ हो गया. इसके बाद ड्रा ऑफ लॉट्स नियम के तहत पर्ची से हर्ष महाजन की जीत हो गई. कांग्रेस के बहुमत में होने के बावजूद राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद से ही हिमाचल की सियासत में हलचल जारी है.