Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल में फेल होगी कांग्रेस की रणनीति! 2024 के चुनाव में होगा ये हाल, TNNB सर्वे में खुलासा
Himachal Election Survey: कांग्रेस की लोकसभा चुनाव 2024 में दाल गलने वाली नहीं है. क्योंकि, यहां बीजेपी को तीन से चार सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि कांग्रेस को जीरो से एक सीट मिल सकती है.
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Himachal News: लोकसभा चुनावों में अभी वक्त है, लेकिन राजनीतिक दलों की तैयारी से देश में चुनावी महौल बन गया है. लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया है. वहीं कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सत्ता से बेदखल करने की प्लानिंग कर रहे हैं. इन सब के बीच टाइम्स नाउ नवभारत ने हिमाचल प्रदेश लोकसभा चुनावों में किस-पार्टी को कितनी सीट मिलगी ये अनुमान व्यक्त किया है.
इस सर्वे से अनुमान लगाया जा रहा है कि, लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस की विधानसभा वाली सभी रणनीति फेल हो जाएगी. बता दें कि, सर्वे में हिमाचल में बीजेपी को एकतरफा बहुमत मिलती दिख रही है. सर्वे में सामने आया है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की लोकसभा चुनाव 2024 में दाल गलने वाली नहीं है. क्योंकि, यहां बीजेपी को तीन से चार सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि कांग्रेस को जीरो से एक सीट मिल सकती है.
समझें हिमाचल कनेक्शन?
वहीं इससे पहले 2003 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शिमला में हो चुकी है. इस बैठक में कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाई थी. हालांकि, इस बैठक में कांग्रेस के अलावा कोई दूसरा दल मौजूद नहीं था, लेकिन शिमला में बनी रणनीति के बाद कांग्रेस का प्रदर्शन पूरे भारत में शानदार रहा. कांग्रेस ने 2004 के लोकसभा चुनाव में 145 सीटें हासिल की थीं. इन सीटों की वजह से कांग्रेस देश भर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और अन्य दलों के साथ केंद्र की सत्ता में वापसी का अवसर पार्टी ने तलाश लिया था.
कांग्रेस को जीत की उम्मीद
खास बात यह भी है कि सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस का शासन देश भर पर लगातार दस साल तक रहा. अब कांग्रेस एक बार फिर से ऐसी ही उम्मीद दोबारा लगा रही है. हालांकि, करीब 20 साल बाद आए इस अवसर में कांग्रेस के साथ विपक्षी दल भी शामिल होंगे. इस बार रणनीति कांग्रेस के भीतर की ही नहीं बल्कि अलग-अलग दलों के हिसाब से तय की जाएगी. लेकिन हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार कांग्रेस की कोई भी रणनीति हिमाचल प्रदेश में नहीं चलने वाली है.
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