Lok Sabha Elections 2024: क्या अपना ही रिकॉर्ड तोड़ पाएगी BJP? या बनेगी हार की हैट्रिक! यहां समझें पूरा चुनावी गणित
Himachal Politics: हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने अपनी नई टीम का गठन कर दिया है. डॉ. बिंदल की इस नई सेना का साल 2019 के लोकसभा चुनाव का मिशन दर्शन दौरान की बड़ी चुनौती है.
Himachal News: साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल बीजेपी (Himachal BJP) ने बड़ा बदलाव किया है. इसी साल 23 अप्रैल के दिन डॉ. राजीव बिंदल के दोबारा अध्यक्ष बनने के बाद लगातार बदलाव की चर्चाएं जोरों पर थी. बहु प्रतीक्षित यह बदलाव अब पूरा हो चुका है. डॉ. राजीव बिंदल की इस नई सेना के सामने साल 2024 के चुनाव दहलीज पर खड़े हैं. चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त रह गया है. ऐसे में टीम के पास कार्यकर्ताओं को एक बार फिर संगठित कर चुनाव में उतरने की चुनौती है.
2019 वाला प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. भाजपा ने न केवल सभी चारों लोकसभा सीट पर जीत हासिल की, बल्कि सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में लीड हासिल कर रिकॉर्ड स्थापित कर डाला. साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद हुए धर्मशाला और पच्छाद के उपचुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा. इसके बाद मानो भाजपा के इस प्रदर्शन पर किसी की नजर लग गई.
क्या हार की हैट्रिक से उबरेगी भाजपा?
इन दो ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा को लगातार तीन बड़ी हार का सामना करना पड़ा. साल 2021 में भाजपा पहले मंडी संसदीय क्षेत्र और तीन विधानसभाओं का उपचुनाव हार गई. साल 2022 में भाजपा का मिशन रिपीट का सपना चूर हुआ. भाजपा सिर्फ 25 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी. इसके बाद साल 2023 के नगर निगम शिमला चुनाव में भी भाजपा को करारी शिकस्त मिली. भाजपा इन चुनावों में दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सकी. हार की हैट्रिक के बाद डॉ. राजीव बिंदल पर अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है. डॉ. बिंदल कि यहां से न ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव का इतिहास दोहराने के लिए अब तैयार खड़ी है.
नई टीम में नजर आएगी नई ऊर्जा?
भाजपा के पास देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा सशक्त नेतृत्व और प्रदेश में डॉ. राजीव बिंदल जैसा सख्त प्रबंधक. लेकिन, समस्या यह है कि लगातार मिली हार के बाद भाजपा के न केवल कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं बल्कि पदाधिकारी भी हतोत्साहित रहे. अब दावा है कि नई टीम नई ऊर्जा के साथ काम करेगी. ऐसे में आने वाले वक्त में भी कई बड़े बदलाव की और सभी की नजरें हैं. प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों के बदलाव और नए जिलाध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अब जिला स्तर पर जिला और मंडल स्तर पर बनने वाली कार्यकारिणी को लेकर भी लॉबिंग जारी है.