Lok Sabha Elections 2024: हाटी समुदाय के 'हीरो' बने जयराम ठाकुर, चुनाव में BJP को मिलेगा पूरा फायदा!
सिरमौर के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल कर लिया गया है. मंच ने इस ऐतिहासिक सफलता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया.
Hati Community Sirmour: जिला सिरमौर के गिरीपार में रहने वाले हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिल गया है. संशोधित अनुसूचित जनजाति विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद समुदाय के लोगों की 56 साल पुरानी मांग पूरी हो गई है. इस संशोधित विधेयक को मंजूरी मिलने का श्रेय हाटी विकास मंच ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दिया है. हाटी विकास मंच रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भव्य अभिनंदन भी करने वाला है. यह कार्यक्रम शिमला के होटल पीटरहॉफ में दोपहर बाद शुरू होगा.
हाटी विकास मंच ने जताया आभार
हाटी विकास मंच ने संशोधित अनुसूचित जनजाति विधेयक को मंजूरी देने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन सिंह मुंडा और भाजपा नेताओं का आभार व्यक्त किया. मंच ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला का भी विशेष आभार व्यक्त किया है. 26 जुलाई को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ और तीन अगस्त को इसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल गई. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद संशोधित विधायक राजपत्र में भी प्रकाशित कर दिया गया है.
'हाटी समुदाय के हीरो जयराम ठाकुर'
हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा ने कहा कि हाटी आंदोलन देश भर का एक अनूठा आंदोलन रहा है. इस आंदोलन में एक भी हिंसक घटना नहीं हुई. अब हाटी समुदाय के 56 साल लंबे संघर्ष का नतीजा यह है कि हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिल गया है. उन्होंने इस जीत के लिए हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हीरो बताया है. अध्यक्ष का कहना है कि हाटी समुदाय के लोग जयराम ठाकुर के जीवन भर के लिए ऋणी हो गए हैं.
चुनाव में BJP को मिलेगा फायदा?
आंदोलन की शुरुआत पिछले साल महाखुमली के माध्यम से 1 जनवरी को रोनहाट में हुई थी. इसमें हजारों लोगों ने जनजातीय श्रेणी में शामिल होने के लिए दृढ़ संकल्प लिया. बीते साल अप्रैल में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया में हाटी समुदाय को 14 जातियों और उप जातियों में पंजीकृत किया गया. आंदोलन की जीत का यह पहला पड़ाव था. इस जीत का दूसरा पड़ाव तब आया, जब सितंबर में केंद्र कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए हाटी को एसटी का दर्जा दे दिया. दिसंबर में यह बिल लोकसभा में पेश हुआ और पारित हो गया. हालांकि विधानसभा चुनाव में भाजपा को जिला सिरमौर में जिस सफलता की उम्मीद थी, वह भाजपा के हाथ लगी नहीं. भाजपा को शिलाई और रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा. अब भाजपा की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में इसका भरपूर फायदा उठाया जाए. फिलहाल पूरे मामले में कांग्रेस पार्टी के नेता चुप्पी ही साधे हुए है.