Himachal News: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बीच 1 हजार 712 किलोमीटर का बड़ा फांसला है. लेकिन, महाराष्ट्र में हुई सियासी उथल-पुथल का असर हिमाचल प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है. हालात ऐसे हैं कि हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मिशन लोटस पर सफाई देने के लिए प्रेस वार्ता आमंत्रित करनी पड़ी.


लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों को दोपहर 12 बजे अपने चेंबर में बुलाया और मिशन लोटस पर बयान जारी किया. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह भाजपा नेताओं को जवाब देने का वक्त है. भारतीय जनता पार्टी के नेता माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.


'पूरे पांच साल चलेगी सरकार'


महाराष्ट्र और अन्य राज्यों की बात कर जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है. हमें महाराष्ट्र के सियासी प्रकरण पर कोई टिप्पणी नहीं करनी, लेकिन हिमाचल प्रदेश की सरकार पूरी तरह सशक्त है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के पास 70 लाख लोगों का सहयोग है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ उनके कैबिनेट के सभी सदस्य अच्छा काम कर रहे हैं. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हिमाचल बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना से माहौल बनाने का निवेदन किया. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पूरे पांच साल सरकार चलेगी और कांग्रेस सरकार पांच साल बाद रिपीट भी करेगी.



विपक्ष से की सहयोग की मांग


लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि हम भी विपक्ष का साथ देने के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्त के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी हिमाचल प्रदेश के हितों की बात केंद्र सरकार के पास करनी होगी. हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश के कर्ज लेने की सीमा घटाई है. ऐसे में भाजपा नेताओं को यह बताना चाहिए कि क्या वह हिमाचल प्रदेश के हित के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर बात करेंगे? उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के नेता मुद्दों पर बात करेंगे, तब सरकार भी इसका स्वागत करेगी.


स्पष्ट करना पड़ा अपना रुख


गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार के एनडीए में शामिल होने के बाद से हिमाचल प्रदेश में अस्थिर माहौल तैयार होता हुआ नजर आ रहा है. महाराष्ट्र के सियासी प्रकरण के बाद हिमाचल प्रदेश में भी मिशन लोटस की चर्चाओं ने जोर पकड़ा. करीब सात महीने पहले जब हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ, तब से लेकर अब तक लगातार मिशन लोटस पर चर्चाएं जोरों पर है. जैसे ही महाराष्ट्र का प्रकरण हुआ, तब से इन चर्चाओं ने और ज्यादा जोर पकड़ लिया. इन चर्चाओं में एक नाम सबसे आगे लिया जाने लगा. वह नाम हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का था. विक्रमादित्य सिंह का समय-समय पर तीन भगवा पताकाओं 'जय श्री राम' के नारे का उद्घोष करना भी एक बड़े फैक्टर के तौर पर काम किया. इस बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने लोटस पर अपना स्टैंड स्पष्ट किया है.