Himachal Pradesh Lok Sabha Elections 2024: देश की राजनीति में बीते कल का असर नजर आता है. शिमला संसदीय क्षेत्र से कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी (KD Sultanpuri) छह बार सांसद बने. इस बार उनके बेटे विनोद सुल्तानपुरी (Vinod Sultanpuri) को कांग्रेस ने चुनावी रण में उतारा है. कसौली से मौजूदा विधायक विनोद सुल्तानपुरी के पिता कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी ने साल 1980 से लेकर साल 1998 तक छह बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. अब विनोद सुल्तानपुरी पर भी पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है.
साल 1980 में कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी के बूथ लेवल एजेंट रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम कृष्ण शांडिल बताते हैं, 'साल 1996 का लोकसभा चुनाव कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी पांचवीं बार शिमला संसदीय क्षेत्र से लड़ना चाहते थे, तब वीरभद्र सिंह टिकट देने के पक्ष में नहीं थे.
वीरभद्र सिंह का मानना था कि कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी कई बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे में अब किसी नए चेहरे को मौका दिया जाना चाहिए.' उन्होंने आगे बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने एक हाथ वीरभद्र सिंह का और दूसरा हाथ कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी का पकड़ा. दोनों का हाथ पकड़ते हुए पीवी नरसिम्हा राव ने कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी का पक्ष लिया. पीवी नरसिम्हा राव ने कहा कि जो शख्स कई बार से जीतता आया है, वह इस बार भी चुनाव जरूर जीतेगा. इस तरह केडी सुल्तानपुरी दोबारा चुनावी रण में उतरे और जीत हासिल की.
कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी कभी चुनाव नहीं हारे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राम कृष्ण शांडिल एक और किस्सा सुनाते हैं. उनका कहना है कि कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी को हर कोई केडी सुल्तानपुरी के नाम से जानता था. यूं तो केडी का मतलब कृष्ण दत्त ही था, लेकिन उन्हें लोग ' केडी यानी किस्मत का धनी' कहकर भी पुकारते थे. वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी कृष्ण दत्त सुल्तानपुरी कभी चुनाव नहीं हारे और उन्होंने साल 1980, साल 1984, साल 1989, साल 1991, साल 1996 और साल 1998 के लोकसभा चुनाव में लगातार जीत हासिल की.