Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की सड़कों पर अवैध डंपिंग का घटिया खेल चल रहा है. शहर में इलीगल डंपिंग करने वाला माफिया सक्रिय है और विभाग आंखें मूंदे बैठा हुआ है. रोजाना यह माफिया टनों के हिसाब से बीच सड़क पर इलीगल डंपिंग कर गायब हो जाते हैं. शहर में की जा रही यह इलीगल डंपिंग वन को भी नष्ट करने का काम कर रही है.
बुधवार शाम एक ऐसा ही माफिया का हिस्सा शिमला के बाईपास रोड पर डंपिंग करता नजर आया. इससे पहले ड्राइवर डंपिंग कर पाता, मौके पर मौजूद एक युवक ने उसकी वीडियो बना ली. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि गाड़ी में मिट्टी और पत्थर को बोरी में बांधकर लाया गया और इसे जंगल में फेंकने की तैयारी चल रही थी. इसके लिए ड्राइवर गाड़ी अपने एक सहयोगी के साथ पहुंचा था.
लोगों की जान को खतरे में डाल रहा माफिया
इलीगल डंपिंग की वजह से जंगल में लगे छोटे सेपलिंग को नुकसान होता है. साथ ही जंगल में रहने वाली छोटी प्रजाति भी खत्म हो जाती हैं. कुछ माफिया डंपिंग जंगलों में न कर बीच सड़क पर ही कर देते हैं. इससे सड़क पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. सड़क किनारे लगे मिट्टी के ढेर से बड़ा हादसा होने की संभावना बढ़ जाती है. बाइक चलाने वाले लोगों के लिए या खतरा कई गुना अधिक होता है. इन दिनों शहर भर में इलीगल डंपिंग के बाद लगे मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर सड़क किनारे साफ तौर पर देखे जा सकते हैं.
आंखें मूंदकर बैठा है विभाग
फिलहाल विभाग को इन सब बातों से कुछ लेना-देना नहीं है. पूरा बाईपास रोड इलीगल डंपिंग से भरा हुआ है. विभाग केवल आंखें मूंदकर तमाशा देख रहा है. मुख्य सड़क पर डंपिंग रोकने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग की है, जबकि जंगलों में डंपिंग रोकना वन विभाग के कर्तव्य क्षेत्र में आता है. दोनों ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी काम करने की बजाय राज्य सचिवालय के चक्कर काटने में ज्यादा रुचि लेते हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी?
वहीं, शिमला शहर के बाईपास रोड पर हो रही इलीगल डंपिंग को लेकर वन विभाग के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर राजेश शर्मा का कहना है कि उनकी टीम रोजाना रात को गश्त करती है. जंगल में इलीगल डंपिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. उल्लंघनकर्ताओं की डीआर काटकर उन पर जुर्माना लगाया जाता है. वहीं इस मामले में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन विभाग के किसी अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका.