Himachal Pradesh News: दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती जलवायु संकट है. जलवायु परिवर्तन का दुष्प्रभाव हिमाचल प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है. प्राकृतिक आपदा की घटनाओं में इजाफा दर्ज किया गया है. हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से जान और माल को नुकसान हो रहा है. 2023 और 2024 में लगातार दो साल राज्य को आपदा के कारण भारी क्षति पहुंची. 


मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में लगातार दो साल आई आपदा के पीछे जलवायु परिवर्तन भी एक बड़ी वजह है. राज्य में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार को अंतरराष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस ‘समर्थ-2024’ की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त धन खर्च कर आपदा से निपटने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चला रही है. आपदा से निपटने के लिए लोगों को प्रभावी उपाय बताये जा रहे हैं.






पालमपुर में बनेगा मुख्य SDRF प्रशिक्षण संस्थान


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने फ्रांस की एजेंसी एएफडी के सहयोग से 800 करोड़ रुपये की परियोजना की शुरुआत की है. मिटीगेशन फंड से 500 करोड़ रुपये भी खर्च किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पालमपुर में मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में मौसम की सटीक जानकारी के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है. 


केंद्र सरकार पर पर CM सुक्खू ने लगाये आरोप


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पिछले साल का मानसून तबाही लेकर आया. प्रदेश के लोगों ने तबाही का मंजर देखा. आपदा में 500 से ज्यादा लोगों की जान गयी और 10 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. केंद्र से वित्तीय सहायता नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 23 हजार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया और 4 हजार 500 करोड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज स्वीकृत किया. पैकेज के तहत पूरी तरह नष्ट हो चुके घरों की मुआवजा राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख कर दी गयी. सरकार ने आपदा से जुड़ी विभिन्न घटनाओं में लापता हुए लोगों के परिवारों की मुआवजा नीति में संशोधन भी किया है.


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