Himachal Pradesh News: मंडी संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की संसद कंगना रनौत शुक्रवार (15 नवंबर) को बलिदानी नायब सूबेदार राकेश कुमार के घर पर पहुंचीं. यहां उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और ढांढस बंधाया. सांसद कंगना रनौत नाम बलिदानी राकेश कुमार के बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की.
इस दौरान कंगना रनौत में कहा- 'कुछ दिन पहले मंडी का बेटा नायब सूबेदार राकेश जम्मू कश्मीर में उग्रवादियों से लोहा लेते हुए इस मातृभूमि के लिए शहीद हो गए. आज उनके घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उनके बेटे और बेटी से भी बात की. उन्होंने भी यही कहा कि पिताजी के शहीद होने का शोक तो है, लेकिन गर्व भी है कि उन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शहीदों और उनके परिवारों के प्रति विशेष संवेदनशीलता है'.
देश के लिए बलिदान हुए नायब सूबेदार राकेश कुमार
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों से मुठभेड़ में नायब सूबेदार राकेश कुमार बलिदान हो गए थे. वे आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को लीड कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें गोली लगी. गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. वे मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र की छम्यार पंचायत के बरनोग गांव के रहने वाले थे.
बलिदानी राकेश कुमार की धर्मपत्नी भानुप्रिया का अब भी रो-रो कर बुरा हाल है. वे किसी तरह खुद को समझाने की कोशिश कर रही हैं. 12 नवंबर को जब राकेश कुमार का पार्थिव देह अपने पैतृक घर पहुंचा था, तो भानुप्रिया ने हिम्मत जुटाते हुए भारत माता की जय का उद्घोष किया जिसके बाद हर सीना गर्व से चौड़ी हो उठा था.
भाई से किया था टूटा घर बनाने का वादा
साल 2023 में अगस्त महीने में आई आपदा के दौरान नायब सूबेदार राकेश कुमार का घर भी क्षतिग्रस्त हो गया था. उनका घर अपने बड़े भाई के साथ ही था. उन्होंने अपने बड़े भाई से कहा था कि जनवरी 2025 में छुट्टियों पर आएंगे तो यह घर बनवा लेंगे, लेकिन इससे पहले ही वह देश के लिए बलिदान हो गए. उन्होंने किश्तवाड़ में आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया. नायब सूबेदार राकेश कुमार की उम्र सिर्फ 42 साल थी और वे लंबे वक्त से भारतीय सेवा में सेवाएं दे रहे थे.
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