(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'भारतीय सेना में हिमाचल के लिए अलग हो रेजिमेंट', विक्रमादित्य सिंह ने सालों पुरानी मांग को फिर उठाया
Vikramaditya Singh News: मंडी से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने संसद बनाकर हिमाचल रेजिमेंट की मांग उठने की बात कही है. इसने पुरानी मांग को एक बार फिर जीवंत कर दिया है.
Lok Sabha Elections 2024: हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने सांसद बनकर हिमाचल रेजिमेंट का मुद्दा संसद में उठाने की बात दी है. यह पहली बार नहीं है, जब हिमाचल प्रदेश के लिए सेना में अलग रेजिमेंट बनाने की मांग उठी हो.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश से सांसद रहे प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने भी संसद में यहां मुद्दा उठाया था. साल 2021 में भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब हिमाचल आए थे, तो उनके सामने 'हिमालयन रेजिमेंट' देने की मांग को उठाया गया था. देश में इसी तरह अहीर रेजिमेंट बनाने की भी मांग वक्त वक्त पर उठती रहती है. इसे लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन भी हुए हैं.
विक्रमादित्य ने सालों पुरानी मांग को कर दिया जीवित
मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि वह अगर संसद बनाकर दिल्ली पहुंचते हैं, तो वह हिमाचल रेजीमेंट की मांग संसद में पुरजोर तरीके से उठाएंगे. उन्होंने इसके लिए गढ़वाल राइफल और कुमाऊं रेजिमेंट का उदाहरण दिया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि वह जानते हैं कि क्षेत्र के आधार पर सेना में बटालियन नहीं दी जाती, लेकिन वह इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे.
पहले भी उठती रही है यह मांग
विक्रमादित्य सिंह से पहले प्रो. प्रेम कुमार धूमल भी इस मांग को उठते रहे हैं. धूमल ने बतौर मुख्यमंत्री भी इसके लिए कई बार प्रयास किए. पहले वीरभद्र सिंह और फिर जय राम ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए विधानसभा में इस संदर्भ में प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा. हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस पर स्वर्ण जयंती के समारोह के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष भी देवभूमि के शौर्य का उल्लेख करते हुए उस वक्त के नेता प्रतिपक्ष और मौजूदा वक्त में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल की मांग को उठाया था. हिमाचल प्रदेश में यह एक ऐसी मांग है, जिसमें दोनों ही दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है.
वीरभूमि के नाम से जाना जाता है हिमाचल
जहां एक तरफ हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, तो वहीं हिमाचल प्रदेश की पहचान वीर भूमि के रूप में भी है. छोटे से पहाड़ी राज्य के वीर योद्धाओं ने सैनिकों ने 1 हजार 160 से ज्यादा शौर्य सम्मान हासिल किए हैं. इनमें भारतीय सेवा के सर्वोच्च सम्मान के तौर पर चार परमवीर चक्र, दो अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र, 8 कीर्ति चक्र, 51 वीर चक्र, 89 शौर्य चक्र और 985 अन्य सेवा मेडल भी शामिल हैं.
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