Himachal Martyr Rakesh Kumar: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों से मुठभेड़ में बलिदान हुए नायब सूबेदार राकेश कुमार का पार्थिव देह अपने पैतृक घर पहुंचा. वे मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र की छम्यार पंचायत के बरनोग गांव के रहने वाले थे. बलिदानी राकेश कुमार का पार्थिव देह घर पहुंचने से पहले ही हर आंख नम नजर आई. 


जैसे ही उनका पार्थिव देह पैतृक घर पर पहुंचा, तो पूरा इलाका भारत माता की जय और राकेश कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा. बलिदानी राकेश कुमार की पत्नी भानुप्रिया का रो-रोकर बुरा हाल है. इस बीच भानुप्रिया ने हिम्मत जताकर जब भारत माता की जय का उद्घोष किया, तो हर छाती गर्व से चौड़ी हो उठी. आज ही बलिदानी राकेश कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.






बड़े भाई से किया था घर बनाने का वादा
साल 2023 में हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के दौरान राकेश कुमार का घर टूट गया था. उन्होंने अपने बड़े भाई से वादा किया था कि वह जब जनवरी 2025 में वापस घर आएंगे, तो घर का काम शुरू करवाएंगे. लेकिन, वे ऐसा कर न सके. किश्तवाड़ में आतंकियों से लोहा लेते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया.


हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी बलिदानी राकेश कुमार के इस सर्वोच्च बलिदान को पर शोक व्यक्त किया है. राकेश कुमार ने मां भारती की रक्षा करते हुए 42 साल की उम्र में शहादत पाई.


राज्यपाल ने व्यक्त किया शोक
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी बलिदानी राकेश कुमार के इस सर्वोच्च बलिदान पर शोक व्यक्त किया है. शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राष्ट्र के लिए नायब सूबेदार राकेश कुमार का सर्वोच्च बलिदान सदैव याद रखा जाएगा. वह युवाओं के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे. उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.


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