Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को एक साल पूरा होने जा रहा है. 24 फरवरी को रूस (Russia) ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था. इसके बाद यहां फंसे भारतीय छात्र भी परेशानी में आ गए थे. भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत 15 हजार से ज्यादा बच्चों की वतन वापसी का काम किया. बात अगर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की करें, तो यहां भी करीब 250 बच्चे यूक्रेन (Ukraine) से वापस लौट कर आए. इनमें ज्यादातर बच्चे यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे.
दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के बाद इन छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. हिमाचल प्रदेश के यह बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई कर रहे थे. यूक्रेन के मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले छात्र भी परेशान हैं. यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे ज्यादातर बच्चे शिमला, सोलन, ऊना और कांगड़ा के रहने वाले हैं.
नेशनल मेडिकल काउंसिल की ओर से मान्यता न मिलने का डर
Ivano Frankvisk नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ऊना की छात्रा ने बताया कि भारतीय एंबेसी की तरफ से लगातार यूक्रेन न जाने की हिदायतें जारी की जा रही हैं. इस बीच इन छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन जारी है, लेकिन कोई भी प्रैक्टिकल पूरा नहीं हो पा रहा है. प्रैक्टिकल न होने की वजह से पढ़ाई में परेशानी आ रही है.
यूक्रेन से पढ़ाई कर रहे हैं शिमला के छात्र का कहना है कि विदेश में पढ़ाई मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए 56 महीने की ऑफलाइन पढ़ाई जरूरी होती है. 56 महीने की ऑफलाइन पढ़ाई के बाद ही नेशनल मेडिकल काउंसिल इन विद्यार्थियों को मान्यता देता है, लेकिन अब बीते करीब 12 महीने से इनकी पढ़ाई ऑनलाइन नहीं चल रही है. इसकी वजह से इन छात्रों को भविष्य में नेशनल मेडिकल काउंसिल की ओर से दी जाने वाली मान्यता न मिलने का खतरा भी मंडरा रहा है.
सरकार से विशेष छूट की आस
ऐसे में यूक्रेन की अलग-अलग यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे इन छात्रों की मांग है कि सरकार इनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें. जिस तरह सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत बच्चों की वतन वापसी का काम किया, उसी तरह इन बच्चों को छात्रों को इस शर्त से विशेष छूट भी दी जानी चाहिए ताकि इनका भविष्य खराब न हो. मेडिकल की पढ़ाई कर रहे इन छात्रों के लिए सरकार ने अन्य देशों में पढ़ाई का विकल्प भी देने की बात भी कही थी. हालांकि बाद में इस पर कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया गया.
ऑपरेशन गंगा के तहत हुई वतन वापसी
फरवरी 2022 में केंद्र सरकार ने जब ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की थी, उस वक्त दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिमाचल प्रदेश का विशेष डेस्क स्थापित किया गया था. इस हेल्प डेस्क में हिमाचल प्रदेश के प्रोटोकॉल अधिकारी की विशेष ड्यूटी लगाई गई थी. दिल्ली से इन बच्चों को मुफ्त यात्रा करवा कर घर भेजा गया. इसके अलावा यहां इन बच्चों के रुकने के लिए भी मुफ्त इंतजाम किए गए थे.
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