Himachal News:  हिमाचल सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों की कार्य संस्कृति पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि वह स्वयं उनकी क्षमता का आकलन करने में विफल रहे. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान सात मुख्य सचिवों को बदला गया था. विपक्ष के नेता ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए सिंह ने कहा कि अधिकारियों को ठाकुर के मंत्रिपरिषद के मुट्ठीभर नेताओं द्वारा प्रताड़ित किया गया.


बीजेपी शासन में बार-बार क्यों बदले अधिकारी 
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब पांच साल के कार्यकाल में सात मुख्य सचिव बदले गए थे. उन्होंने कहा कि ठाकुर अपने सहयोगियों पर शिकंजा कसने में विफल रहे थे और अधिकारियों को परेशान किया गया और तबादले की धमकी दी गई. उन्होंने कहा कि कोई भी आरोप लगाने से पहले ठाकुर को यह बताना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी शासन के दौरान अधिकारियों को बार-बार बदलने का कारण क्या था. 


सीएम के समक्ष उठाया जाएगा मामला 
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रियों के आदेशों का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए कुछ अधिकारियों को शनिवार को कड़ी चेतावनी दी थी और कहा था कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने उन्हें ‘लक्ष्मण रेखा’ पार न करने की भी चेतावनी दी थी. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि हम लोगों द्वारा चुने गए हैं और अधिकारी हमारे लिए शर्तें तय नहीं कर सकते. मैं मुद्दों के बारे में विस्तार से नहीं बताना चाहता और इन्हें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष उठाऊंगा. 


बीजेपी ने सरकार पर खड़े किए सवाल 
मंत्री विक्रमादित्य की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने कहा था कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच कोई समन्वय नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के मंत्री अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत कर रहे हैं और अधिकारियों को अपने चैंबर में बुलाने के बजाय प्रेस के पास जा रहे हैं.


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