Monsoon in Himachal: हिमाचल प्रदेश में इस बार प्री-मॉनसून के दौरान जमकर बादल बरसे. मई महीने में ही सामान्य से 84 फ़ीसदी तक ज्यादा बारिश दर्ज की गई. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की मानें, तो हिमाचल प्रदेश में मानसून 22 जून के बाद दस्तक दे सकता है. इस बार केरल में भी मानसून (Monsoon in Kerala) देरी से आ रहा है. यही वजह है कि उत्तर भारत में भी मॉनसून के कुछ हद तक देरी से पहुंचने की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आने वाले कुछ दिनों में जब मानसून मध्य भारत की तरफ बढ़ेगा, तब मानसून की दस्तक की सही तारीख मालूम चल सकेगी.


दो दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना


डॉ. सुरेंद्र पॉल (Dr. Surender Paul) ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अगले 48 घंटे तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है. इस बार पश्चिमी विक्षोभ सामान्य से ज्यादा सक्रिय है. पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की फ्रीक्वेंसी और इसका असर तुलनात्मक तौर पर ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. मई महीने में सामान्य से 84 फ़ीसदी ज्यादा हुई बारिश पिछले 20 सालों में सबसे ज्यादा है. प्री-मॉनसून के दौरान हुई बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान सामान्य से कम चल रहे हैं. आने वाले 48 घंटे में केरल तट पर मानसून के दस्तक की संभावना है. इसके बाद मानसून उत्तर क्षेत्र की तरफ बढ़ेगा. अमूमन हिमाचल प्रदेश में 20 जून के बाद ही मानसून दस्तक देता है. इस बार मानसून के कुछ हद तक देरी से आने की संभावना है.


मानसून में कम बारिश की संभावना


मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (IMD Shimla) के मुताबिक, इस बार मानसून में कम बारिश होने की संभावना है. इस बार प्री-मॉनसून में जमकर बादल बरसे हैं. इसी के चलते मॉनसून में कम बारिश की आशंका जताई जा रही है. मॉनसून में कम बारिश की वजह से किसान-बागवानों की परेशानी बढ़ सकती है. इससे पहले सर्दियों के मौसम में कम बर्फबारी और गर्मियों के वक्त हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने भी किसान और बागवानों की परेशानी बढ़ा दी थी. ऐसे में अब मॉनसून में होने वाली कम बारिश भी बागवानों की चिंताएं बढ़ा रही है.