Himachal Tourism Season: विश्व भर हिमाचल प्रदेश की पहचान पर्यटन राज्य के रूप में है. प्रदेश की जीडीपी में पार्टी में कारोबार का 4.3 फीसदी हिस्सा है. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक हिमाचल प्रदेश का दीदार करने के लिए आते हैं. पहाड़ों की रानी शिमला के साथ मनाली, कुल्लू, चंबा, लाहौल स्पीति में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. देशभर में जब गर्मी पड़ती है, उस वक्त पहाड़ों की ठंडक का आनंद लेने पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. कोरोना काल के दौरान हिमाचल प्रदेश का पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गया था. अब स्थिति सामान्य होने के बाद पर्यटन कारोबार धीरे-धीरे वापस पटरी पर लौट रहा है.


हिमाचल पहुंचे रिकॉर्ड तोड़ पर्यटक


पर्यटन कारोबार के वापस पटरी पर आने से कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं. लाखों की संख्या में लोग ऐसे है, जिनका घर-परिवार पर्यटन कारोबार से ही चलता है. ऐसे में अब धीरे-धीरे पर्यटन कारोबार के पटरी पर आने के बाद कारोबारी भी खुश हैं. जून, 2023 तक हिमाचल में पर्यटकों की कुल संख्या एक करोड़ छह हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है. इनमें 99 लाख 78 हजार 504 देशी और 28 हजार 239 विदेशी पर्यटक शामिल हैं. साल 2018 में लगभग 87 लाख देशी और दो लाख विदेशी पर्यटक हिमाचल आए. वहीं, साल 2019 में 88.57 लाख देशी और लगभग दो लाख विदेशी पर्यटक यहां पहुंचे. साल 2020 में 21.63 लाख देशी और 41 हजार 803 विदेशी पर्यटक यहां आए. साल 2021 में 19.73 लाख देशी और 2 हजार 843 विदेशी पर्यटक प्रदेश भ्रमण पर पहुंचे. साल 2022 में 86.35 लाख देशी पर्यटक यहां भ्रमण पर जाए, जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 7032 रही.


अब फिर प्रभावित हुआ है कारोबार


जून, 2023 तक हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक पहुंचे. जुलाई महीने की शुरुआत में जैसे ही प्रदेश का मौसम बिगड़ा, उसके बाद पर्यटकों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है. हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में हुई तबाही के बाद पर्यटन कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो गया है. कुल्लू, मनाली, किन्नौर और लाहौल स्पीति में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. और यहां भी बड़ी संख्या में हर साल पर्यटक पहाड़ों का दीदार करने के लिए भी पहुंचते हैं. आने वाले कुछ वक्त तक कारोबार को पटरी पर वापस लौट आने में कड़ा संघर्ष करना होगा. कुल्लू-मनाली में तो कोई ऐसे स्थान हैं, जहां सड़क संपर्क पूरी तरह ही टूट गया है. ऐसे में भविष्य में परेशानी बढ़ना तय है. हिमाचल प्रदेश के पर्यटन कारोबारियों को भी अपने भविष्य की चिंता सता रही है.