Baljeet Kaur Mountaineer Rescued: नेपाल (Nepal) के माउंट अन्नपूर्णा (Mount Annapurna) से लापता हुई पर्वतारोही बलजीत कौर सुरक्षित बेस कैंप पहुंच गई हैं. मंगलवार सुबह में अन्नपूर्णा चोटी से नीचे उतरते वक्त लापता हो गई थी. इसके बाद उनके रेस्क्यू के लिए तीन हेलीकॉप्टर भेजे गए थे. पर्वतारोही बलजीत कौर ने 7 हजार 335 मीटर की ऊंचाई से इमरजेंसी सिग्नल भेजे थे. सिग्नल मिलने के बाद जीपीएस लोकेशन ट्रेस कर रेस्क्यू दल में बलजीत कौर को ढूंढ निकाला. बलजीत कौर को ढूंढने के बाद उन्हें सुरक्षित अन्नपूर्णा बेस कैंप में पहुंचा दिया गया है.


इससे पहले मंगलवार सुबह मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी मौत की खबर सामने आ रही थी. हालांकि, बाद में अधिकारियों की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि उनकी मौत नहीं हुई है बल्कि वह लापता हैं. अब पर्वतारोही बलजीत कौर को खोजी दल ने ढूंढ निकाला है. बलजीत कौर के रेस्क्यू ऑपरेशन सफल होने के बाद उनके परिवार के साथ हिमाचल भर में खुशी की लहर है.


बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन फतेह की अन्नपूर्णा चोटी


पर्वतारोही बलजीत कौर ने सोमवार शाम 5:15 पर दो शेरपा के साथ अन्नपूर्णा चोटी को फतह कर लिया था. बलजीत कौर ने बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन के अन्नपूर्णा चोटी के पॉइंट जीरो पर पहुंचने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है. बलजीत कौर कई सालों से बिना ऑक्सीजन अन्नपूर्णा चोटी को फतह करने की तैयारी कर रही थी. कड़ी मेहनत के बाद उनका यह सपना पूरा हुआ है.


जिला सोलन के ममलीग की रहने वाली है बलजीत कौर


बलजीत कौर जिला सोलन के ममलीग के एक सामान्य परिवार से संबंध रखती हैं. साल 2003 में उनके पिता बतौर एचआरटीसी ड्राइवर रिटायर हुए हैं. वह घर पर अब खेती-बाड़ी करती हैं. बलजीत कौर की मां गृहिणी हैं और उन्हें अपने माता-पिता का माउंटेनियरिंग में आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग मिलता है. पर्वतारोही बलजीत कौर ने बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन 8 हजार फीट की ऊंचाई पर शिखर चोटी फतह करने का अद्भुत कारनामा किया है. बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन यह काम करना असंभव माना जाता है.


30 दिन में पांच चोटियों को किया था फतेह


19 साल की छोटी-सी उम्र में बलजीत कौर ने मनाली के देओ टिब्बा को फतह कर अपने करियर की शुरुआत की थी. बलजीत कौर माउंट पमोरी को फतह करने वाली भारत की पहली महिला बनी थीं. इसके अलावा बलजीत कौर ने 30 दिन के अंतराल में लगातार आठ हजार मीटर की ऊंचाई वाली पांच चोटियों को फतह कर दिखाया था. इनमें अन्नपूर्णा, कंचनजंगा, एवरेस्ट, लोतसे और मकालु चोटी शामिल थी.


ये भी पढ़ें- HP Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश में OPS के लिए ऑफिस मेमोरेंडम जारी, अब भी अधिसूचना का इंतजार