Sukh Ashray Yojana: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 1 जनवरी 2023 को प्रदेश में निराश्रित बच्चों के लिए सुख आश्रय योजना की घोषणा की. इस योजना के तहत ऐसे बच्चों को सरकार कानून के तहत लाभ दे रही है, जिनके माता-पिता नहीं हैं.

प्रदेश सरकार की ओर से निराश्रित बच्चों को त्योहार भत्ता, सामाजिक सुरक्षा, उच्च शिक्षा व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास और सूक्ष्म उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी दे रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार इस योजना के तहत अब तक 7 करोड़ 53 लाख 54 हजार 062 रुपए की राशि खर्च कर चुकी है. यह धन राशि 15 जनवरी 2024 तक खर्च की गई है.

साथ अलग-अलग श्रेणियां में व्यय की गई धनराशि
सुख आश्रय योजना से जुड़े सवाल के जवाब में राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि त्योहार भत्ता और अनुदान में 59 लाख 81 हजार 500 रुपए, सामाजिक सुरक्षा में 6 करोड़ 50 लाख 25 हजार रुपए, उच्च शिक्षा में 15 लाख 52 हजार 678 रुपए, व्यावसायिक प्रशिक्षण में 7 लाख 2 हजार 382 रुपए, कौशल विकास में 17 हजार 500 रुपए, सूक्ष्म उद्योगों के लिए सब्सिडी में 6 लाख रुपए और पश्चवर्ती देखभाल संस्थानों में 14 लाख 75 हजार 002 रुपए की राशि व्यय की गई है. सात अलग-अलग श्रेणियां में खर्च की गई इस राशि का कुल जमा 7 करोड़ 53 लाख 54 हजार 062 रुपए है.

सत्तापक्ष के सदस्य सुधीर शर्मा ने पूछा था सवाल
यह जानकारी हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य सुधीर शर्मा की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में मिली. यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की ओर से लिखित जवाब में दी गई है. सत्ता पक्ष के सदस्य सुधीर शर्मा का यह अतारांकित प्रश्न संख्या-625 वीरवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लगा था. गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान पक्ष और विपक्ष के सदस्य जनहित से जुड़े कई अहम सवाल राज्य सरकार से पूछते हैं.


ये भी पढ़ें: Himachal News: धर्मशाला के कांग्रेस विधायक सुधीर शर्मा को मिली जान से मारने की धमकी, इस पार्टी के नेता पर लगा आरोप