Success Story: जिस कॉलेज में संघर्षों से लिया एडमिशन, अब उसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी दृष्टिबाधित मुस्कान
दृष्टिबाधित मुस्कान ने एक बार फिर नया आयाम स्थापित कर दिया है. जिस आरकेएमवी कॉलेज में मुस्कान ने संघर्षों से एडमिशन ली, आज वे उसी कॉलेज में संगीत विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई हैं.
Assistant Professor Muskan Negi: दृष्टिबाधिता दुनिया के रंग देखने से तो रोक सकती है, लेकिन सपने देखने से नहीं आंखों में रोशनी का न होना भी मुस्कान के हौसलों को पस्त नहीं कर सकी. मुस्कान की प्रतिबद्धता, लगन और कड़ी मेहनत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. जिस राजकीय कन्या महाविद्यालय में मुस्कान ने संघर्षों से एडमिशन ली, आज वे उसी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई हैं. मुस्कान के लिए जिस कॉलेज में पढ़ाई करना भी कभी सपने जैसा था, अब दृष्टिबाधित मुस्कान उसी कॉलेज के बच्चों के जीवन में रंग भरने का काम करेंगी. मुस्कान ने राजकीय कन्या महाविद्यालय में संगीत के सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. इस दौरान मुस्कान के जीवन को दिशा देने वाले उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव और आरकेएमवी की प्रिंसिपल डॉ. रुचि रमेश भी मौजूद रहीं.
हौसलों को पस्त नहीं कर सकी दृष्टिबाधिता
जिला शिमला के दूरदराज इलाके चिड़गांव के संदासली के किसान जयचंद और अंबिका देवी के घर पर जन्मी मुस्कान बचपन से ही दृष्टिबाधित थी. लेकिन, उनके हौसले हमेशा ही बुलंद रहे. माता-पिता और परिवार के सहयोग ने मुस्कान को कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह दृष्टिबाधित हैं और अपने परिवार पर बोझ हैं. समाज में ढलना मुस्कान के लिए भले ही चुनौती रहा हो, लेकिन मुस्कान ने कभी हार नहीं मानी. अपनी शुरुआती पढ़ाई कुल्लू में करने के बाद मुस्कान ने शिमला के पोर्टमोर स्कूल में शिक्षा हासिल की. साल 2012 में मुस्कान ने शिमला के पोर्टमोर स्कूल में बेहतरीन अंकों के साथ परीक्षा पास की. इसके बाद साल 2013 में राजकीय कन्या महाविद्यालय के साथ दर्शकों के इतिहास में वह कॉलेज में दाखिला लेने वाली पहली पांच दृष्टिबाधित छात्राओं में से एक बनी. हर किसी को लगता था कि आखिर दृष्टिबाधित लड़की शिक्षा हासिल कैसे करेगी? वह कैसे अन्य बच्चों के साथ ढल सकेगी, लेकिन मुस्कान ने हर किसी को गलत साबित कर दिया. मुस्कान ने न केवल पूर्ण निष्ठा के साथ पढ़ाई में मन लगाया बल्कि देश के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम चमका दिया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम चमका चुकी हैं मुस्कान
दृष्टिबाधित मुस्कान देशभर के अलग-अलग राज्यों में अपनी आवाज का जादू बिखेरने के अलावा अमेरिका में भी स्टेज परफॉर्मेंस दे चुकी हैं. इसके अलावा वे साल 2017 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग की एंबेस्डर भी रही. कंप्यूटर में सिद्धहस्त मुस्कान सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं. आम लोगों की तरह ही यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप इस्तेमाल करती हैं.
CM सुक्खू ने भी दी बधाई
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुस्कान की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार दृष्टिबाधित एवं अन्य दिव्यांग बच्चों को हर सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए कृत संकल्प है. उन्होंने कहा कि मुस्कान एवं अन्य प्रतिभाशाली दिव्यांग बच्चे दिव्यांगों की सफलता पर उन्हें गर्व है. उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यदि दृष्टिबाधित बच्चों को परिवार और समाज का सहयोग मिलता रहे, तो वह भी ऊंचाई छू सकते हैं. मुस्कान देश के दिव्यांगों एवं अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वहीं, आरकेएमवी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रुचि रमेश ने कहा कि उनके महाविद्यालय को मुस्कान पर गर्व है. उनका कॉलेज दिव्यांगों के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.