Himachal Pradesh: किसी भी समाज के विकास के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है. हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूल में शिक्षा के गिरते स्तर को में गुणवत्ता लाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने नई शुरुआत की है. हिमाचल प्रदेश में 'अपना विद्यालय: दी हिमाचल स्कूल एडॉप्शन' कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है.


इस कार्यक्रम के तहत प्रदेशवासियों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने का मौका दिया जाएगा. इससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने में लोग योगदान दे सकेंगे. हिमाचल में करीब 55 फीसदी बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते हैं. ऐसे में यहां गुणात्मक शिक्षा देना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.


हिमाचल में 'मेरा स्कूल-मेरा गौरव' अभियान


इस कार्यक्रम के तहत 'मेरा स्कूल-मेरा गौरव' अभियान प्रदेशवासियों और समाज से भी संस्थाओं को अपनी पसंद का स्कूल गोद लेने के लिए प्रेरित करेगा. इन स्कूलों में वह छात्रों को सामाजिक कार्यों में जोड़ने के साथ करियर परामर्श, प्रतियोगी परीक्षाओं और अन्य गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए मार्गदर्शन देंगे. यह पहल 'समाज को लौटाने' की भावना से शुरू की जा रही है. इससे पहले पूर्व बीजेपी सरकार ने बच्चों को प्रेरित करने के लिए 'मेरे स्कूल से निकले मोती' योजना की शुरुआत की थी. सुक्खू सरकार की यह योजना ग्राउंड जीरो पर सही तरह से उतरी, तो इससे बच्चों को खासा फायदा होगा.


स्कूलों में बनाई जाएगी शैक्षिक सहायता टीम


इस कार्यक्रम के तहत सेवानिवृत शिक्षक, कर्मचारी, पेशेवर, गृहणी और समाज के अन्य व्यक्तियों को भी इस से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा. स्कूलों में शैक्षिक सहायता टीम भी बनाई जाएगी और इन सभी को टीम में जोड़ने का काम होगा. स्कूलों में शिक्षकों की कमी या उनके छुट्टी पर होने की स्थिति में यह छात्र-छात्राओं की मदद भी कर सकेंगे.


बच्चों को अन्य विधाओं का भी दिया जाएगा प्रशिक्षण


वहीं, गैर-शिक्षक छात्रों को खेल, कौशल, कला, चित्रकार, संगीत, नाटक और नृत्य जैसी अन्य विधाओं का प्रशिक्षण देंगे. इसके अलावा स्कूलों में वित्तीय सहयोग उत्कृष्ट छात्रों को छात्रवृत्ति मिड-डे मील कार्यक्रम में योगदान जैसी शुरुआत भी की जाएगी. प्रदेश में कहीं भी बड़ी हस्तियां स्कूल को गोद लेकर उसका संरक्षक बनने का अनुरोध किया जाएगा.


इन्हें भी कार्यक्रम में किया जाएगा शामिल


हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार इस कार्यक्रम से लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, विधायक, ए और बी क्लास के गैजेटेड ऑफिसर, जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, वन मंडल अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एसडीएम, खंड विकास अधिकारी और खंड चिकित्सा अधिकारी को भी शामिल करेगी.


स्कूलों को बेहतर तरीके सुझाव देंगे संरक्षक


यह सभी कम से कम एक स्कूल गोद लेकर उसके संरक्षक बनेंगे. यह संरक्षक अध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समिति को स्कूलों में सुधार करने के लिए सुझाव देंगे. बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों को गोद लेने की पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत प्रदेश में गुणवत्मक शिक्षा तंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से कर रही है.


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