Shimla News: शिमला के ग्रामीण इलाकों को लगी ड्रग्स तस्करों की बुरी नजर, पुलिस के आंकड़ों ने चौंकाया
Drugs in Shimla: शिमला जिले का ग्रामीण इलाका चिट्टा का हब बनता जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, प्रदेश में ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार तस्करों में से 75 प्रतिशत इसी इलाके के हैं.
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Shimla News: शिमला अपनी खूबसूरती और साफ फिजा के लिए देश विदेश में मशहूर है. दुनियाभर से सैलानी यहां घूमने के लिए आते हैं. लेकिन अब इस हसीन वादी को ड्रग्स तस्करों की नजर लग गई है. यहां चिट्टा (मिलावटी हेरोइन) का कारोबार बड़ी तेजी से फलफूल रहा है. शिमला (Shimla) जिले का ग्रामीण इलाका इन दिनों चिट्टा का हब बनता जा रहा है. पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में ड्रग्स्स तस्करी के आरोप में जितने भी तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से 75 प्रतिशत इसी इलाके के हैं.
देश-विदेश के ड्रग्स्स तस्कर शिमला में है सक्रिय
चिट्टा रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए कुल 250 आरोपियों में से 201 आरोपी हिमाचल के ही रहने वाले हैं. इसके अलावा 12 हरियाणा से, 10 उत्तर प्रदेश से, 7 पंजाब से, 6 दिल्ली से, 3 बिहार से, 2-2 राजस्थान और झारखंड से और एक चंडीगढ़ के निवासी है. इसके अलावा विदेशियों को भी यहां गिरफ्तार किया गया है. इनमें से दो यूनाइटेड किंगडम से , दो नेपाल के और 2 नाइजीरिया के नागरिक हैं.
लगातार बढ़ रहे हैं चिट्टा के मामले
शिमला एसपी मोनिका भुटुंगुरू के मुताबिक सार्वजनिक पुलिस भागीदारी की वजह से 2021 की तुलना में चिट्टा के मामलों में 2022 में 30 प्रतिशत, गिरफ्तारी 18 प्रतिशत और बरामदगी की संख्या में 116 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है. उन्होंने बताया कि 211 मामलों में 211 गिरफ्तारियों के साथ 2021 में 1.8 किलोग्राम चिट्टे की बरामदगी हुई थी. वहीं, 2022 में 157 मामलों में कम से कम 250 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही 3.8 किलोग्राम चिट्टा की बरामदगी हुई. उन्होंने कहा कि यह सब संदिग्धों की साइबर निगरानी, समर्पित टीमों, कड़ी जांच और ड्रग्स-फ्री हिमाचल ऐप के माध्यम से प्राप्त जानकारी की वजह से संभव हो पाया है.
नशे की लत के शिकार लोग बन रहे हैं पैडलर
दरअसल, यहां नशा करने वालों की संख्या में वृद्धि के साथ ही चिट्टा के लिए एक बड़ा बाजार तैयार हो गया है. पुलिस विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कुछ संपन्न परिवारों के नशेड़ी 4,000 से 6,000 रुपये प्रति ग्राम की कीमत वाली ड्रग्स खरीदने के लिए नशा करने के साथ ही अब इस धंधे से भी जुड़ गए हैं. इसके अलावा कुछ छात्र भी नशे की लत के शिकार हो गए हैं. वे भी इस महंगे ड्रग्स के खर्चे को वहन करने में सक्षम नहीं है. लिहाजा, वह भी मजबूरी में पैडलर्स बन गए हैं. अधिकारियों ने कहा कि तस्कर अधिक युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं. ये तस्कर खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपने आसपास पैडलर्स की पूरी चैन तैयार कर ली है.
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बहुत ही खतरनाक है चिट्टा
चिट्टा महंगा होने के साथ ही सेहत के लिए भी बहुत ही खतरनाक है. राज्य फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी के पूर्व निदेशक अरुण शर्मा के मुताबिक मुख्य रूप से हीरोइन से प्राप्त होने वाला अर्द्ध-सिंथेटिक ओपिओइड यानी चिट्टा (diacetylmorphine) अत्यधिक खतरनाक और घातक है, क्योंकि समय बीतने के साथ इसकी डोज बढ़ती जाती है और इसके ओवरडोज से मौत भी हो सकती है.
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