Shimla : देश भर में सोमवार 6 मार्च को नेशनल डेंटिस्ट डे मनाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी इस मौके पर डेंटल कॉलेज शिमला और पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से विशेष कैंप का आयोजन किया गया है. इस विशेष कैंप में लोगों को अपने दांत और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के बारे में जानकारी दी गई.


85 फीसदी लोगों के मसूड़ों में पायरिया


किसी भी व्यक्ति के सुंदर दिखने के लिए न केवल दांत बेहद जरूरी होते हैं बल्कि इन्हें बीमारी से बचाना भी जरूरी होता है. दांतों से जुड़ी बीमारी को लेकर हिमाचल प्रदेश के आंकड़े चौंकाने वाले हैं. शिमला डेंटल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशु गुप्ता के मुताबिक, प्रदेश में करीब 90 फीसदी लोगों को दंत क्षय रोग यानी कैविटी (Cavity) की दिक्कत है. यही नहीं, 85 फीसदी लोगों को मसूड़ों का रोग पायरिया है. इसकी मुख्य वजह दांतो की ठीक ढंग से सफाई न करना और समय-समय पर चेकअप न करवाना है.


तंबाकू के सेवन से ओरल कैंसर का खतरा


डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि तंबाकू, पान और गुटके के नियमित सेवन की वजह से मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके लक्षण पहले ही नजर आ जाते हैं. मुंह में लाल रंग का दाग या धब्बा, जो दो-तीन हफ्ते से ठीक न हो रहा हो. वह ओरल कैंसर का लक्षण है. तंबाकू खाने और सिगरेट पीने से मुंह, गाल, गला और फेफड़ों के कैंसर हो सकते हैं.


ओरल कैंसर से कैसे बचें ?


देशभर में करीब 88 फ़ीसदी वयस्क और 12 फ़ीसदी महिलाओं को धुआं रहित तंबाकू के उत्पादों का प्रयोग करने से ओरल कैंसर होता है. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. लोगों को समय-समय पर अपने दांत और मुंह की जांच कराते रहना चाहिए ताकि इन बीमारियों से बचा जा सके. इसके अलावा तंबाकू का सेवन आम लोगों को खतरे में डालने का काम करता है.


टूथ ब्रशिंग पर ध्यान देना जरूरी


डॉ. आशु गुप्ता ने बताया कि विशेष शिविर में लोगों के दांतों का नि:शुल्क चेकअप किया जा रहा है. दांतों की बीमारी, लक्षण, उपचार और रोकथाम के बारे में जानकारी दी जा रही है, ताकि लोगों को इससे बचाव की जानकारी मिल सके. साथ ही उन्होंने अतिरिक्त टूथ ब्रशिंग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि बीमारियों से बचने के लिए यह बेहद जरूरी क्रिया है, जिसे हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए.


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