Himachal Pradesh Election: हिमाचल प्रदेश के दुर्गम इलाकों में शांतिपूर्वक चुनाव कराना कोई आसान काम नहीं है. प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी की वजह से चुनावी प्रक्रिया पर संकट मंडरा रहा है. इस बीच चुनाव आयोग के निर्देशों पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लाहौल स्पीति और चंबा में एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की तैनाती की है. यह तैनाती किसी भी अप्रिय घटना और प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए की गई है. प्राधिकरण की ओर से पांगी, उदयपुर और काजा में भी जवानों की तैनाती गई है.


NDRF-SDRF संभालेंगी मोर्चा
चुनावों को बेहतर और शांतिपूर्वक ढंग से कराने के लिए NDRF की 14वीं बटालियन के 748 कर्मी, आरआरसी नालागढ़ के 93, आरआरसी मंडी के 103 और रामपुर के 91 कर्मियों को संबंधित क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है. इसके अलावा एसडीआरएफ के शिमला मुख्यालय से तीन, जुनगा से 31, पंडोह से 57, सकोह से 70 कर्मियों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है.


प्रदेश के जनजातीय इलाकों में बर्फबारी
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय इलाकों में बर्फबारी की वजह से चुनावी प्रक्रिया को आसानी से पूरा करना चुनाव आयोग के सामने चुनौती बन गया है. खराब मौसम की वजह से लाहौल स्पीति, भरमौर-पांगी और किन्नौर में बर्फबारी की वजह से परेशानी बढ़ी है. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए चुनाव आयोग ने NDRF-SDRF की तैनाती की है.


55 लाख मतदाता लिखेंगे उम्मीदवारों की किस्मत
हिमाचल में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. चुनावों को लेकर प्रचार गुरुवार शाम पांच बजे से थम गया,अब केवल घर-घर जाकर ही प्रत्याशी प्रचार कर सकेंगे. राज्य की 68 विधानसभी सीटों पर इस बार 55  लाख से ज्यादा मतदाता वोट डालेंगे. हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 412 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें 388 पुरुष और 24 महिलाएं शामिल हैं. प्रदेश भर में कुल 7 हजार 881 वोटिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं.


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