Vikramaditya Singh on Bureaucracy: हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अधिकारियों से नाराज नजर आ रहे हैं. शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अधिकारियों के लिए उनके मन में मान-सम्मान है. अधिकारी और सरकार के बीच में समन्वय जरूरी है. उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी लक्ष्मण रेखा लांघने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रहकर अधिकारी प्रपोजल तैयार करते हैं और परवाणू में हिमाचल की सीमा पार करते-करते प्रपोजल को बदल दिया जाता है.
'सरकार को दबा नहीं सकते अफसर'
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि हम लोगों की ओर से चुनी हुई सरकार हैं. अफसरशाही सरकार को यह नहीं बताएगी कि क्या करना है और क्या नहीं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस बारे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात करेंगे. इस तरह की बातें सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ अफसर सरकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा हम होने नहीं देंगे. लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते, लेकिन वे मुख्यमंत्री के साथ इस बारे में गंभीरता से चर्चा करेंगे.
क्यों नाराज हुए लोक निर्माण मंत्री?
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह की छवि दो टूक स्पष्ट बात करने को लेकर है. हाल ही में विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के और अन्य मंत्रियों के साथ मुलाकात कर लौटे हैं. माना जा रहा है कि कुछ अफसरों ने विक्रमादित्य सिंह को दिल्ली में फाइलों के झोल और शब्दों के खेल में उलझाने की कोशिश की. लोक निर्माण मंत्री जिन मामलों को लेकर केंद्र सरकार के मंत्रियों के समक्ष गए थे, उन पर अधिकारियों ने अड़ंगा लगाने की कोशिश की. इसी वजह से विक्रमादित्य से नाराज चल रहे हैं.
भले ही विक्रमादित्य सिंह ने खुलकर बात सामने न रखी हो, लेकिन उन्होंने अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री के सामने खुलकर करने की बात कह डाली है. जानकारी के मुताबिक, विक्रमादित्य सिंह जिन अफसरों से नाराज हैं, जल्द ही उन पर गाज गिर सकती है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री अक्सर ही अफसरशाही से परेशान रहते हैं. यह समस्या तत्कालीन जयराम सरकार के वक्त भी इसी तरह देखने को मिलती थी. अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में भी यह समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. मुख्यमंत्री ने खुद पहली बार प्रदेश की शीर्ष कुर्सी संभाली है. वे भी कभी पहले मंत्री नहीं रहे और विक्रमादित्य सिंह भी पहली बार ही मंत्री बने हैं.