Himachal Pradesh Old Pension Scheme: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election) में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को बड़ा मुद्दा बनाया. अपनी 10 गारंटियों में कांग्रेस ने पहली गारंटी और पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर दी. सोमवार को सुखविंदर सिंह सुुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश वित्त विभाग के विशेष सचिव अमरजीत सिंह ने एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया है.


इस ऑफिस मेमोरेंडम में हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल के ओल्ड पेंशन की बहाली के निर्णय कि को लागू करने की बात कही गई है. ऑफिस मेमोरेंडम कर्मचारियों का न्यू पेंशन स्कीम के लिए जाने वाला शेयर 1 अप्रैल, 2023 से बंद करने का निर्णय लिया गया है. वित्त विभाग की ओर से जारी ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक, अप्रैल महीने से कर्मचारियों का 10 फीसदी शेयर और हिमाचल प्रदेश सरकार अपना 14 फीसदी शेयर न्यू पेंशन स्कीम के लिए नहीं देगी.


13 जनवरी को हुआ था ओपीएस बहाली का फैसला


हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 13 जनवरी को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का निर्णय लिया था. इसके बाद लगातार चार महीने से इस दिशा में काम चल रहा है. हालांकि अब भी कर्मचारियों को अधिसूचना और SOP का इंतजार है.


सीएम सुक्खू ने क्या कहा था?


SOP के जारी होने के बाद यह पता चल सकेगा कि क्या कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम लेने का विकल्प दिया जा रहा है या नहीं? ऑफिस मेमोरेंडम में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम में लाया जाएगा. 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलना है.


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