One Nation, One Election: देश में होने वाले लोकसभा चुनाव को सात महीने से भी काम का वक्त रह गया है. देश भर में लोकसभा चुनाव को लेकर माहौल गरमा रहा था. इसी बीच केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र (Special Session of Parliament) बुला लिया. माना जा रहा है कि इस विशेष सत्र में 'एक देश, एक चुनाव' से जुड़ा बिल भी लाया जा सकता है. केंद्र सरकार से लेकर कमेटी का भी गठन करने जा रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने इसे गलत कर दिया.
तानाशाही लाना चाहती है भाजपा- अनिरुद्ध सिंह
कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह (Anirudh Singh) ने कहा कि एक देश, एक चुनाव की बात आज की नहीं है. बल्कि, भाजपा लंबे वक्त से इसके पीछे लगी हुई है. उन्होंने कहा कि यह देश में तानाशाही लाने की कोशिश है. देश भर में भाजपा की जड़ें हिलती हुई नजर आ रही है. ऐसे में भाजपा अब लोगों का ध्यान भटकने की कोशिश कर रही है. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हाल ही में कुछ राज्यों में चुनाव हुआ है और यदि यह बिल पास होता है, तो छह महीने में ही इन राज्य में भी चुनाव होंगे. केंद्र सरकार यह सब कर देश पर आर्थिक बोझ डालने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि इसमें किसी और का नहीं, बल्कि देश के आम करदाता का पैसा व्यर्थ बहाया जाएगा.
हार से बौखलाई भाजपा- अनिरुद्ध सिंह
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भाजपा अपनी हार को देखकर बौखला गई है. पहले हिमाचल और फिर कर्नाटक में भाजपा को बुरी हार मिली. अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की जीत तय है. राजस्थान में भी कांग्रेस बढ़त हुए है. ऐसे में भाजपा अपनी हार को रोकने के लिए ऐसा बिल लेकर आ रही है. अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इससे देश में तानाशाही लाने की कोशिश हो रही है. देश की मौजूदा व्यवस्था को बदला नहीं जाना चाहिए. उन्होंने सरकार की इस संभावित नई व्यवस्था पर कड़ा विरोध व्यक्त किया है.
क्या है एक देश, एक चुनाव?
बता दें कि इस विशेष सत्र के दौरान एक देश एक चुनाव, समान नागरिक संहिता और महिलाओं के आरक्षण के मुद्दों पर विधेयक पेश करने की संभावना है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विशेष सत्र को लेकर कहा, "अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है." एक देश एक चुनाव के तहत लोकसभा चुनाव और अलग-अलग राज्यों की विधानसभा चुनावों को एक ही समय पर कराया जाएगा. पहले भी कई दफा इस कानून को लाने पर विचार किया गया है. इस बारे में विधि आयोग से अध्ययन भी किया है.