Himachal News: हिमाचल विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर (Jairam Thakur) ने पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों की अधिसूचना रद्द करने को लेकर कांग्रेस सरकार (Congress Government) पर हमला बोला. नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ लेने और बाद में बहिर्गमन करने से पहले प्रदर्शनकारी भाजपा सदस्यों ने कार्यवाही बाधित की. सदस्‍यों के शपथ ग्रहण से पहले ठाकुर ने संस्‍थानों की अधिसूचना रद्द करने का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का रवैया बदले की भावना वाला है.


संस्थानों की अधिसूचना वापस लेने के आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने मांग की है कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों की अधिसूचना (Notification) वापस लेने के आदेश को तुरंत रद्द किया जाए.  उन्होंने दावा किया कि ये आदेश अवैध हैं क्योंकि संस्थानों की अधिसूचना वापस लेने का अधिकार कैबिनेट (Cabinet) के पास है जिसका गठन अभी बाकी है. उन्होंने मांग की कि अधिसूचना वापस लिए गए संस्थानों को खोला जाना चाहिए और समीक्षा की जानी चाहिए कि उनका संचालन हो या नहीं. विपक्षी विधायकों ने नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी भी की.


विधायकों की शपथ के बाद होनी चाहिए मुद्दों पर चर्चा
वहीं मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जानी चाहिए जिसके बाद अन्य मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है. अस्थायी विधानसभा अध्यक्ष चंदर कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज और अन्य नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई. 11 विधायकों ने अंग्रेजी में शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा ने फिर इस मुद्दे को उठाया और सदन से बहिर्गमन किया. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि सरकार अधिसूचना रद्द किए गए संस्थानों की समीक्षा कर आवश्यकता के अनुसार बजट और पर्याप्त कर्मी उपलब्ध कराने के बारे में सोचेगी. 


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