Shimla Water Crisis: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के चलते राजधानी शिमला में जल संकट मंडरा रहा है. शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के अधिकारियों के मुताबिक, शहर में सोमवार को औसत 42-45 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) के मुकाबले 11.03 एमएलडी पानी जमा हुआ. उन्होंने कहा कि पानी की आपूर्ति सामान्य होने में तीन से चार दिन लगेंगे क्योंकि बाढ़ के कारण आपूर्ति संचालन बाधित हो गया है.


शिमला में पानी का संकट
बता दें कि, शिमला को गुम्मा, गिरी, चुरोट, सेओग, चैरह और कोटि ब्रांडी से पानी की आपूर्ति की जाती है. गुम्मा और पांच अन्य स्रोतों से आपूर्ति क्रमशः 7.82 एमएलडी और 3.21 एमएलडी थी. हिमाचल प्रदेश में एक जुलाई से नौ जुलाई तक मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक 271.5 मिमी बारिश हुई. इस अवधि के दौरान प्रदेश में सामान्य तौर पर 160.6 मिमी बारिश होती है.


जलापूर्ति पाइप को पहुंचा नुकसान
अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण कई जगहों पर जलापूर्ति पाइप को भी नुकसान पहुंचा है. SJPNL के प्रवक्ता साहिल शर्मा ने शहर वासियों से पानी का सही तरीके से उपयोग करने और पीने के अलावा अन्य जरूरतों के लिए वर्षा जल का उपयोग करने का आग्रह किया. उन्होंने लोगों को पीने के लिए भंडारण टैंकों में पानी इकठ्ठा करने की भी सलाह दी. शिमला को कई इलाकों में बीते दो दिनों से साफ पानी की आपूर्ति नहीं हुई है. लोगों ने बारिश के पानी का भंडारण शुरू कर दिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है.


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