Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 18 जुलाई को हुए ब्लास्ट के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. शिमला पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह गांधी ने बताया कि यह ब्लास्ट किसी और वजह से नहीं बल्कि सिर्फ सिलेंडर गैस लीकेज की वजह से हुआ. इस धमाके में रेस्टोरेंट्स के बाहर से गुजर रहे एक स्थानीय कारोबारी की मौत हो गई थी, जबकि 13 अन्य लोग घायल भी हुए थे. धमाके की इतनी अधिक थी कि सभी लोगों को ऐसा लग रहा था कि यह एलपीजी रिसाव से नहीं बल्कि किसी साजिश के तहत हुआ धमाका है.
30 जुलाई को एनएसजी ने जुटाए थे साक्ष्य
मामले में शिमला पुलिस की ओर से एक एसआईटी का भी गठन किया गया था. इस एसआईटी में फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी शामिल थे. शिमला पुलिस अधीक्षक ने बताया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि के चलते नहीं हुआ है. पुलिस को मामले में कोई राष्ट्र विरोधी तत्वों का हाथ नहीं मिला. 18 जुलाई को शिमला में हुए ब्लास्ट के बाद 23 जुलाई को एनएसजी की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची थी. एनएसजी ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए थे. हालांकि अब तक मामले में एनएसजी की रिपोर्ट सामने नहीं आई है.
भविष्य के लिए नियम होंगे सख्त
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के माल और इलाके में बड़ी संख्या में रेस्टोरेंट और ढाबे हैं. यहां एलपीजी की मदद से ही खाना बनाया जाता है. ऐसे में लगातार एलपीजी गैस रिसाव की संभावना के चलते लोगों को खतरा बना हुआ है. पुलिस ने अब इस हादसे से सीख भी ली है. पुलिस आने वाले वक्त में नियमों का सख्ती से पालन कराने की तैयारी कर रही है. पुलिस की ओर से न केवल दुकान मालिकों को नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए जाएंगे, बल्कि उन्हें एहतियात बरतने की ट्रेनिंग भी मिलेगी. शिमला पुलिस चाहती है कि भविष्य में इस तरह का हादसा न हो. शिमला का माल भीड़भाड़ वाला इलाका है और यहां अगर दोबारा इस तरह का धमाका हुआ, तो कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है.
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